पटना : जहां चाह है वहां राह है. और अगर इसके साथ आपको कोई थोड़ी-सी मदद का हाथ बढ़ा दे तो मंजिल तक पहुंचने से आपको कोई रोक नहीं सकता. कुछ ऐसा की कर दिखाया है बिहार के पांच स्टूडेंट्स ने, जिन्होंने मंगलवार को कैट के रिजल्ट में बेहतर प्रदर्शन किया. इन सभी स्टूडेंट्स के सफलता के पीछे चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान द्वारा चालाये जा रहे स्टूडेंट्स गाइडेंस सेंटर (एसजीसी) का हाथ है जो पिछड़े और गरीब स्टूडेंट्स को नि:शुल्क कैट की तैयारी करवाता है.
एसजीसी में कैट-2013 के लिए तैयारी कर रहे प्रकाश मणि गौतम, सुधीर कुमार, श्रवण कुमार, निशांत आनंद और कुंदन चौधरी सभी गरीब परिवार से जुड़े हुए है. सभी में एक बात खास है कि इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज सफलता इनके पास है.
वैशाली जिला का सुधीर कुमार ने कैट में 86.95 प्रतिशत अंक हासिल किया. वे कहते हैं कि एसजीसी में कैट की बेहतर तैयारी करवायी गयी था. मॉडल प्रश्न-पत्रबनाकर हमेशा टेस्ट लिया जाता था. इसके साथ ही फैकल्टी ने हर प्रकार से कैट के सफलता पाने के तरीके बताये. चार साल पहले ही अपने पिता को खो चुके सुधीर पहले से ही कैट की तैयारी करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह नहीं कर पाये.
कुंदन चौधरी ने कैट में 84.73 प्रतिशत अंक हासिल कर लिया है. रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी सुरेंद्र चौधरी के पुत्र कुंदन चौधरी बैंक की तैयारी में जुटे थे कि तभी उन्हें इस स्टूडेंट्स गाइडेंस सेंटर के बारे में जानकारी मिली और इसमें प्रवेश ले लिया. दानापुर के रहने वाले कुंदन कहते है कि यहां उन्हें फैकल्टी के बहुत मदद मिला. चाहे तैयारी के लिए हो या फिर कैट के टेस्ट को समझने की, इस जगह से उन्हें पूरा मदद मिला.
एक छोटे किसान राम प्रवेश साह के बेटे श्रवण कुमार छपरा के पिपरपाती गांव के रहने वाला है. इन्होंने कैट में 77.45 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं. चार भाई और एक बहन में सबसे छोटे श्रवण कैट के रिजल्ट आने के साथ ही अब आगे की पढ़ाई करने के लिए बैंक लोन की सोच रहे है , ताकि अच्छे कॉलेज में दाखिला मिलने में दर न हो. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर से ही उन्हें एसजीसी के बारे में पता चला था. उन्होंने टेस्ट दिया और सेलेक्ट हो गये.
पटना के मंदिरी क्षेत्र में स्थित एक छोटे से किराना दुकान से चल रहे अपने घर की परिस्थिति शायद निशांत आनंद कुछ वर्षो में बदल देंगे. निशांत ने कैट में 73.2 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं. इस बार अच्छे मैनेजमेंट संस्थान में वह एडमिशन लेगा. पिता बिमल कुमार के पुत्र निशांत ने आइआइटी चेन्नई से एमबीए के लिए अप्लाई किया है. निशांत ने कोचिंग का सहारा नहीं लिया है. उन्होंने सिर्फ कैट के लिए एसजीसी से मदद ली.
आइआइएम अहमदाबाद मिला, तो जॉब छोड़ दूंगा
नालंदा जिले के एकंगरसराय का प्रकाश मणि गौतम ने इस बार भी कैट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. प्रकाश ने 95.6 प्रतिशत अंक हासिल किया है. खास बात यह है कि पिछले साल भी प्रकाश ने कैट में 91 प्रतिशत अंक हासिल किया था. लेकिन पुराने आइआइएम नहीं मिलने के कारण प्रकाश ने कोई भी बिजनेस कॉलेज में एडमिशन नहीं लिया था. वर्तमान में प्रकाश आरबीआइ असिस्टेंट के रूप में मुंबई में काम कर रहे हैं. प्रकाश ने कहा कि अगर हमें इस बार आइआइएम अहमदाबाद, कोलकाता, बेंगलुरु में एडमिशन लेने का मौका मिल जाता है तो मैं जॉब छोड़ दूंगा.
उन्होंने कहा कि मेरा सपना है मैनेजमेंट फिल्ड में नाम कमाने का. मैं इस काबिल हो जाऊं की लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करूं. गरीबी में पले-बढ़े प्रकाश मणी गौतम का सपना है आइआइएम अहमदाबाद में पढ़ने का. इनके पिता राम प्रसाद काफी गरीब है घर में ही खेती बाड़ी का काम करते है. प्रकाश अपने सफलता का श्रेय अपने अंकल जय राम कुमार (स्टेशन मास्टर, फतुहा) को देते हैं. प्रकाश ने बताया कि अंकल ने हमेशा मेरी पढ़ाई में स्पोर्ट किया.
मैं मैट्रिक और इंटर की परीक्षा बिहार बोर्ड से दी थी, सभी में बेहतर नंबर आये थे. उसके बाद मैं महाराष्ट्र चला गया वहां से बीबीए में ग्रेजुएशन किया. ग्रेजुएशन करने के बाद पटना में एक साल (2012-13) तक सीआइएमपी द्वारा चलने वाले एसजीसी में भाग लेकर कैट की तैयारी की. मिड 2013 में आरबीआइ में जॉब लगा और जॉब लगने के बाद भी मैं हमेशा कैट की तैयारी करने के लिए रात में चार घंटे की पढ़ाई करता था और इस बार के कैट में मैथ विषय में 99.5 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ.