पटना: सोन व गंगा बालू बाजार से गायब हो गया है. दिसंबर महीने में सोन नदी का बालू 6500 रुपये प्रति ट्रक आठ हजार रुपये तक मिल रहा था. जनवरी 2014 में यह बाजार से गायब है. चोरी-छिपे बालू की निकासी कर महंगे दाम पर बेचा जा रहा है. 31 दिसंबर के पूर्व जिन लोगों ने बालू का स्टॉक कर रखा था, वे उसे नौ से 10 हजार रुपये प्रति ट्रक बेच रहे हैं. बहुत खोजने पर बालू मिल रहा है. बालू घाटों की नीलामी पर पटना उच्च न्यायालय ने
रोक लगा रखी है. इसके कारण 31 दिसंबर से कहीं भी बालू का खनन नहीं हो रहा है. इसका सीधा असर निर्माण क्षेत्र पर पड़ा है. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देकर चुप्पी साध रखी है. 11 जनवरी को पटना उच्च न्यायालय द्वारा इस मसले पर पुन: सुनवाई होने वाली है. निगाहें पटना उच्च न्यायालय की ओर टिकी हैं. विभागीय सूत्रों ने बताया कि कोर्ट की रोक के खिलाफ सरकार अपील करने जा रही है. इसके लिए विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है. इधर, चोरी छिपे कुछ बालू घाटों से उठाव की भी सूचना खनन विभाग को मिल रही है. विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान ने कहा कि जिन स्थानों से ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही है, वहां कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारियों को कहा गया है.
बालू का है 500 करोड़ से अधिक का कारोबार
बिहार में सोन व गंगा बालू का 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार है. एक ओर बिहार में बालू को लेकर किल्लत हो गयी है, वहीं राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष निर्धारित की जाने वाली बालू उत्खनन से राज्य वसूली के वार्षिक लक्ष्य से अधिक राजस्व की वसूली की जा रही है. 2012-13 में 470 करोड़ रुपये के वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध 499.27 वसूली की गयी. वहीं, वर्ष 2013-14 में 641 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
राज्य सरकार द्वारा नयी नीति से लाभ
राजस्व में दोगुना वृद्धि की संभावना.
अवैध कारोबार पर लगेगा लगाम.
निगम से नियंत्रण होने के कारण तत्परता से निर्णय.
नीलामी प्रक्रिया में आयेगी पारदर्शिता व बालू व्यवसाय का मिस मैनेजमेंट दूर होगा.
वैज्ञानिक तरीके से बालू की निकासी.
बालू घाटों को विकसित करने के लिए कॉरपस फंड में होगा ठेका का दो प्रतिशत.
क्या कहते है बालू के आपूर्तिकर्ता व इंजीनियर
प्रदीप कुमार,सिविल इंजीनियर : ‘पिछले साल की शुरुआत में बालू 1300 रुपये प्रति घनफीट आसानी से उपलब्ध हो जा रहा था, बरसात के मौसम में इसकी दर 1700 रुपये प्रति घनफीट हो गया. भवन निर्माण की लागत बढ़ती जा रही है. अब अगर बालू नहीं मिला, तो पटना में बन रहे बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम ठप हो जायेगा. बालू की नयी दर घोषित होने के बाद बालू उत्खनन का चलान जारी होगा, तभी उसका नया बाजार मूल्य तय होगा. ‘