सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद लाल-पीली बत्ती का दुरुपयोग जारी
– कुलभूषण –
पटना : 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देश के बावजूद पटना की सड़कों पर निजी वाहनों पर लाल-पीली बत्ती का दुरुपयोग जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने सीमित संख्या में लाल बत्ती के उपयोग का निर्देश देते हुए सरकार से इसके हकदार उच्च पदधारकों की सूची जारी करने का निर्देश दिया है. लेकिन, फिलहाल इस निर्देश का असर पटना में नहीं दिख रहा है. इसे परिवहन विभाग के प्रधान सचिव भी स्वीकारते हैं.
चलेगा अभियान : परिवहन विभाग के अधिकारी स्वीकारते हैं कि इसका दुरुपयोग आम हो चुका है. अभियान चला कर ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई होगी.
लाल-पीली बत्ती से अपनी हैसियत दिखानेवालों की संख्या पटना समेत अन्य जगहों पर कम नहीं है. उन्होंने अपनी निजी गाड़ियों में लाल बत्ती लगा ली है. महापौर, उपमहापौर और जिला पर्षद अध्यक्ष समेत कई लोगों की गाड़ियों पर लाल बत्ती लगी है. पीली बत्ती का भी दुरुपयोग बढ़ गया है. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन कहते हैं कि सचिवालय परिसर की कई गाड़ियों में पीली बत्ती लगी है.
इन गाड़ियों में बैठनेवालों की हैसियत संयुक्त सचिव से कम की है. इसके बावजूद उनकी गाड़ियों में पीली बत्ती जलती है. प्रधान सचिव स्वीकारते हैं, निजी गाड़ियों में भी पीली बत्ती लगी है.
बोर्ड व निगम के अध्यक्षों अधिकार नहीं
लाल और पीली बत्ती के हकदारों की सूची से स्पष्ट है कि किसी भी बोर्ड और निगम के अध्यक्ष और सदस्यों को निजी गाड़ियों में ऐसी बत्ती लगाने का अधिकार नहीं है. बीपीएससी के सदस्य व बाल संरक्षण आयोग के साथ-साथ सभी आयोग व अकादमियों के अध्यक्ष को लाल या पीली बत्ती लगाने का अधिकार नहीं है.
प्रधान सचिव ने कहा कि यदि वे इसका उपयोग करते हैं, तो गैरकानूनी है. सरकार ने विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है. सूची के बाहर कोई भी लाल या पीली बत्ती का उपयोग करते हैं, तो गैर कानूनी होगा. निजी वाहनों में पीली बत्ती का उपयोग पूरी तरह से गैरकानूनी है.
पिछले दिनों विभाग कार्रवाई भी की थी, फिर कुछ लोगों ने पीली बत्ती और लाल बत्ती अपने वाहनों में लगा ली है. प्रधान सचिव ने कहा कि कुछ प्रावधानों का निर्धारण संसद से होनेवाला है. इसके बाद विभाग अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी.
दी सफाई
मुझे नगर निगम से लाल बत्ती लगी गाड़ी मिली है. सुप्रीम कोर्ट के हाल के निर्देश के बाद मैंने अपने वाहन से लाल बत्ती हटा ली है. यदि प्रावधान नहीं है, तो मैं इसका उपयोग नहीं करूंगा.
अफजल इमाम, मेयर
बीपीएससी के अध्यक्ष के समान शक्ति का पद संभाल रहा हूं. जब बीपीएससी के अध्यक्ष लाल बत्ती का उपयोग कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं? फिर भी यदि प्रावधान नहीं होगा, तो इसे बंद कर दूंगा.
विद्यानंद विकल, अध्यक्ष,राज्य एससी आयोग
मेरा आयोग संवैधानिक है. अब तक इस आयोग के सदस्य पीली बत्ती का उपयोग करते रहे हैं, इसलिए मैं भी इसका उपयोग कर रहा हूं. यदि प्रावधान नहीं होगा, तो मैं इसे हटा लूंगा.
एससी झा, विद्युत विनियामक आयोग के सदस्य
मुझे सरकारी वाहन मिली हुई है. इस वाहन से मैं विधि-व्यवस्था की बैठक में भी भाग लेने जाता हूं. इसलिए पीली बत्ती का उपयोग कर रहा हू. प्रावधान नहीं होगा, तो हटा लूंगा.
मनोज कुमार, वरीय उपसमाहर्ता, स्थापना
लाल बत्ती के हकदार
राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति व उप सभापति, हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री, लोकायुक्त, विधानमंडल के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ दल के उपनेता, विपक्ष के नेता, सत्तारूढ़ दल व मान्यताप्राप्त विरोधी दल के मुख्य सचेतक, महाधिवक्ता, बीपीएससी के अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त व विधानमंडल की समितियों के सभापति
पीली बत्ती के हकदार
मुख्य सचिव, डीजीपी, आइजी, डीआइजी, प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, एसपी, परिवहन आयुक्त, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, सभी आयुक्त एवं सचिव, सभी सचिव, आयकर आयुक्त, डीडीसी, अपर जिला दंडाधिकारी, एसडीओ, डीएसपी, महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी)
जुर्माना मामूली
सूत्रों ने बताया कि लाल- पीली बत्ती के दुरुपयोग पर मामूली जुर्माना होने के कारण भी यह रुक नहीं ले रहा है. पहली बार गलती करने पर मात्र एक सौ रुपये जुर्माना और यही गलती दूसरी बार करने पर तीन सौ रुपये जुर्माने का प्रावधान है.