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नक्सल से लड़ने की क्रेंद्र की योजना में बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब

नयी दिल्ली: देश के नक्सल प्रभावित नौ राज्यों में से बिहार ने एकीकृत कार्य योजना (आईएपी) के क्रियान्वयन में सबसे खराब प्रदर्शन किया है.आईएपी विकास को गति देकर माओवाद से लड़ने की केंद्र सरकार की एक परियोजना है.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार ने केंद्र द्वारा नवंबर तक दिए कुल 705 करोड़ रुपए के फंड […]

नयी दिल्ली: देश के नक्सल प्रभावित नौ राज्यों में से बिहार ने एकीकृत कार्य योजना (आईएपी) के क्रियान्वयन में सबसे खराब प्रदर्शन किया है.आईएपी विकास को गति देकर माओवाद से लड़ने की केंद्र सरकार की एक परियोजना है.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार ने केंद्र द्वारा नवंबर तक दिए कुल 705 करोड़ रुपए के फंड में से 70.62 प्रतिशत का उपयोग किया है. आईएपी परियोजनाएं बिहार के 11 नक्सल प्रभावित जिलों में लागू की जा रही है.

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नक्सल गतिविधियों को काबू करने में बिहार के कथित रुप से असफल रहने के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाल में पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में स्थिति चिंताजनक हो गई है.शेष राज्यों में आंध्र प्रदेश ने केंद्र की कुल 540 करोड़ रुपए की राशि के 71.30 प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल किया है जबकि छत्तीसगढ ने 990 करोड़ रुपए का 71.71 प्रतिशत, झारखंड ने 1540 करोड़ रुपए का 74.72 प्रतिशत और मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा दी गई 830 करोड़ रुपए की राशि का 77.48 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया है.महाराष्ट्र को केंद्र सरकार ने इस योजना को तहत 200 करोड़ रुपए जारी किए गए जिसमें से 71.91 प्रतिशत का इस्तेमाल किया गया. ओडिशा ने 1635 करोड़ रुपए की 74.25 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश ने 205 करोड़ रुपए की 73.63 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल ने 235 करोड़ रुपए की 75.22 प्रतिशत राशि खर्च की है.

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