10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुशील मोदी के मंत्री रहते 50 करोड़ की चपत

पटना: सुशील कुमार मोदी के वित्त मंत्री रहते खजाने को छह साल में करीब 50 करोड़ का नुकसान हो गया. हैरान करनेवाली बात यह है कि कैबिनेट की बगैर मंजूरी के गलत नोटिफि केशन निकल गया और इससे नुकसान खजाने को हुआ. लेकिन, फायदा स्टोन चिप्स, स्टोन बोल्डर्स और स्टोन बैलेट्स का कारोबार करनेवालों को […]

पटना: सुशील कुमार मोदी के वित्त मंत्री रहते खजाने को छह साल में करीब 50 करोड़ का नुकसान हो गया. हैरान करनेवाली बात यह है कि कैबिनेट की बगैर मंजूरी के गलत नोटिफि केशन निकल गया और इससे नुकसान खजाने को हुआ. लेकिन, फायदा स्टोन चिप्स, स्टोन बोल्डर्स और स्टोन बैलेट्स का कारोबार करनेवालों को मिल गया. अब कोई यह कबूल करनेवाला नहीं है कि इसकी भरपाई कौन करेगा और इसकी जिम्मेदारी किस पर तय होगी? जबकि सुशील कुमार मोदी का कहना है कि इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं. इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है.

राज्य सरकार ने करीब छह साल दो महीने बाद एक नया नोटिफि केशन जारी कर त्रुटि दूर कर दी है. पर, इस त्रुटि से हुए नुकसान की जवाबदेही तय नहीं की गयी है. यह मामला वाणिज्यकर विभाग का है. तब यह विभाग भाजपा के सुशील कुमार मोदी के पास था. इस विभाग ने 13 सितंबर, 2007 को एक नोटिफिकेशन निकाल कर स्टोन चिप्स, स्टोन बैलेस्ट और स्टोन बोल्डर्स को वैट की सूचीबद्ध वस्तुओं की लिस्ट से बाहर कर दिया. इससे उस पर लगनेवाला टैक्स 12.5 प्रतिशत से घट कर सीधे चार प्रतिशत हो गया. चौंकानेवाली बात यह है कि इन वस्तुओं पर टैक्स कम करने के बारे में कोई प्रस्ताव वाणिज्यकर विभाग ने कैबिनेट को भेजा ही नहीं था. इसके बारे में वित्त विभाग से भी किसी तरह की सहमति नहीं ली गयी थी. ऐसे में नोटिफिकेशन कैसे जारी हो गया, यह भी रहस्य का विषय है. लेकिन, 2007 से इस साल 12 नवंबर तक वह नोटिफिकेशन अस्तित्व में रहा.

जानकारों का अनुमान है कि छह साल दो महीने की समयसीमा में 50 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया. इस साल कैग की रिपोर्ट में भी इस मामले को रेखांकित किया गया था. रिपोर्ट में अंदाजा लगाते हुए कहा गया है, 2007 के अक्तूबर से 2012 के जुलाई तक इससे 43.96 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ. कैग ने यह उल्लेख किया है कि वाणिज्यकर से यह नोटिफिकेशन कैबिनेट की बिना मंजूरी के निकला था.

इस महीने की 12 तारीख को राज्य मंत्रिमंडल ने वाणिज्यकर विभाग की त्रुटि को दूर करने के वास्ते लाये गये नये प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. प्रस्ताव में कहा गया है, महालेखाकार की ओर से स्टोन चिप्स, स्टोन बोल्डर्स और स्टोन बैलेट्स पर वैट की दर त्रुटिपूर्ण ढंग से घटाये जाने संबंधी अधिसूचना के प्रकाश में लाने के बाद सन्निहित त्रुटि के वर्तमान तिथि से संशोधित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाती है यानी अब इन वस्तुओं पर पुराने दर के हिसाब से टैक्स लगेगा. इस बाबत मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद वाणिज्यकर विभाग ने 18 नवंबर को नया नोटिफिकेशन निकाल दिया.

मेरी कोई भूमिका नहीं : मोदी
तत्कालीन वित्त (वाणिज्यकर) मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नोटिफिकेशन जारी होने में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती. विभाग के प्रधान सचिव के स्तर से ही नोटिफिकेशन निकलता है. कैग ने इससे जिस घाटे की बात कही है, उसमें दम नहीं है. उनका कहना है कि मान लीजिए शराब दुकानों की बंदोबस्ती जितनी तादाद में होनी थी, वह नहीं हुई. कैग ने बंदोबस्ती नहीं होने को नुकसान बताया है. यह बात बिल्कुल सही है कि नोटिफिकेशन गलत था. कैग ने जब इस पर आपत्ति की, तो विभाग की ओर से जवाब भी दिया गया था. मालूम हो कि जब नोटिफिकेशन जारी हुआ था, तब विभाग के प्रधान सचिव शुभकीर्ति मजूमदार थे. अब वह रिटायर हो चुके हैं.

मोदी ने कहा कि बगैर कैबिनेट की मंजूरी के नोटिफिकेशन जारी होने की बात सामने आने पर वाणिज्यकर विभाग की ओर से कैग को बताया गया था कि इस गलती को सुधारा जा रहा है. जब उनसे पूछा गया कि इस चूक से हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार कौन होगा, तो उनका कहना था कि इसे सरकार को तय करना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें