पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के लोगों को अब अपने नजदीकी अस्पताल में ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी. इसके लिए टेली मेडिसिन सेवा के तहत पहले चरण में राज्य के 87 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 22 जिला अस्पतालों, पीएमसीएच, आइजीआइसी व एनएमसीएच को जोड़ दिया गया है.
इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले मरीजों को छोटी-छोटी बीमारी को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तक नहीं आना पड़ेगा. उनका इलाज वहीं देश के बड़े डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे. श्री कुमार बुधवार को पीएमसीएच में टेली मेडिसिन सेवा के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे.
जरूरत पड़ने पर भरती के लिए बुलाया जायेगा : उन्होंने कहा, नयी व्यवस्था को बिना किसी रुकावट के चलने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन जब यह सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़ जायेगा, तो इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा. इसके बाद एक कमांड एरिया का निर्धारण किया जायेगा, ताकि जिले के लोग अपने आसपास के अस्पतालों में ही अपना संपूर्ण इलाज करा लें. इसके माध्यम से मरीजों की जांच रिपोर्ट विशेषज्ञों तक पहुंच जायेगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भरती होने के लिए बुलाया जायेगा. श्री कुमार ने कहा कि इस व्यवस्था की पूरी मॉनीटरिंग जिला स्वास्थ्य समिति करेगी, ताकि पता चल सके कि इसका फायदा कितने लोगों ने उठाया और कितने को लाभ उठाने में परेशानी हो रही है.
सभी काम इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से : स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी निदेशक संजय कुमार ने बताया कि यह अत्यंत आधुनिक चिकित्सा क्लिनिक होगा, जिसमें सभी मेडिकल सेवाएं, औषधि आपूर्ति व भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होगा, जिनका रेकॉर्ड स्वत: केंद्रीय कमान को उपलब्ध होता रहेगा. इन सभी चिकित्सा केंद्रों पर सरकार की ओर से एक -एक एलोपैथिक व आयुष चिकित्सक और एक पारा मेडिकल स्टाफ रहेगा, जिनका प्रशिक्षण भी संस्थान द्वारा ही दिया जायेगा. मौके पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अस्पताल अधीक्षक डॉ अमरकांत झा अमर, प्राचार्य डॉ एनपी यादव, सिविल सजर्न डॉ लखींद्र प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ विमल कारक, उपाधीक्षक डॉ आरके सिंह, डॉ विजय प्रकाश, डॉ विश्वेंद्र कुमार सिन्हा, प्रबंधक आलोक रंजन आदि मौजूद थे.
नर्सो ने रोका रास्ता : पीएमसीएच में अनुबंध पर बहाल नर्सो ने कार्यक्रम के बाद गाड़ी में सवार होने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रास्ता रोक लिया. मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनी और अधिकारियों से हल निकालने को कहा. ए ग्रेड नर्स एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला कुमारी ने मुख्यमंत्री से कहा कि नर्सो का वेतन रोक दिया गया है. पूर्व प्रधान स्वास्थ्य सचिव ने आश्वासन दिया था कि उनका वेतन बिना बांड लिये दिया जायेगा. इसके बाद हमने इस बार बांड नहीं भरा, जिसके कारण हमारा वेतन रोक दिया गया है. अस्पताल अधीक्षक डॉ अमरकांत झा अमर ने कहा कि बिना बांड भरे वेतन नहीं दिया जायेगा. इनकी नियुक्ति के समय से ही बांड लिया जाता है, ताकि वे कभी नियमित करने की मांग नहीं करेंगी.
टेली मेडिसिन की खासियत
राज्य के 212 पीएचसी, 36 सदर अस्पताल, सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल व आइजीआइसी में सेंटर.
कंप्यूटर द्वारा इसीजी, बीपी, प्लस, खून, बलगम व पेशाब जांच आदि की सुविधा.
जटिल रोगों का इलाज विशिष्ट अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों से होगा.
रोगी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श प्राप्त कर सकेंगे.
पीएचसी व डीएच राज्य के सरकारी अस्पतालों के अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों का भी परामर्श कर सकेंगे.
सीएम ने नवादा के मरीज से की बात
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सबसे पहले नवादा के एक मरीज से बात की. मरीज ने बताया कि उसे सर्दी-खांसी है. इसके बाद डॉ विजय प्रकाश को बुलाया गया. डॉ प्रकाश ने वहां बैठे चिकित्सक को दवा बतायी. इसके बाद नालंदा के एक 70 वर्षीय हार्ट रोगी से बात की. पीएमसीएच के एक चिकित्सक ने उन्हें दवा बतायी. अधीक्षक डॉ अमरकांत झा अमर ने बताया कि बिहार में नौ नोडल सेंटर बनाये गये हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बैठे डॉक्टर बाहर के डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मरीजों की बीमारी पर चर्चा कर पायेंगे.