पटना : एसोचैम ने केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है.एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना क्यों जरुरी है. इस संबंध में उनके संगठन ने केंद्र सरकार को 35 पृष्ठों का एक मांग पत्र सौंपा है.
उन्होंने कहा कि बिहार विकास की दौड में तेजी से विकसित हो रहे दूसरे राज्यों की बराबरी कर सकता है, बशर्ते कि इस राज्य में अगले पांच साल के दौरान अधारभूत संरचना एवं सामाजिक क्षेत्र में 2.5 लाख करोड रुपये का निवेश सुनिश्चित कराया जाए. रावत ने कहा कि बिहार में अगले पांच साल के दौरान 2.5 लाख करोड रुपये का निवेश तभी हो सकता है जब उसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की तरह ही विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा तथा यहां निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि औद्योगिकीकरण के लिहाज से संपन्न अन्य प्रमुख राज्यों के बराबर आने और उच्च विकास दर को हासिल करने के लिए बिहार में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में कुल सकल राज्य घरेलु उत्पाद का करीब 20 फीसदी निवेश किए जाने की आवश्यकता है.
रावत ने कहा कि बिहार में विकास की खासी संभावनाएं है लेकिन आर्थिक एवं ढांचागत आधार का स्तर निम्न होने के कारण यह प्रदेश तरक्की के लिए संघर्ष कर रहा है. उन्होंने कहा कि एसोचैम के विश्लेषण के मुताबिक बिहार में हमेशा मौजूद रहीं ढांचागत खामियों की वजह से निजी क्षेत्र के निवेशक इस सूबे से दूरी बनाए रखी है.