पटना: भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि किसानों की सुध लेने की फुरसत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं है. सिर्फ औपचारिकता के लिए 33 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया.
सूखाग्रस्त घोषित होने के दो माह बाद केंद्रीय टीम आ रही है. यह किसानों के साथ मजाक नहीं तो और क्या है. केंद्रीय टीम अक्तूबर में आ रही थी, तो राज्य सरकार ने नहीं आने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके मंत्रियों तक को किसानों का हाल जानने में कोई रुचि नहीं है.
किसानों की यह उपेक्षा मुख्यमंत्री को आनेवाले दिनों में भारी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने घोषणा की थी कि सूखाग्रस्त जिलों में कृषि कार्य के लिए आठ घंटे बिजली की आपूर्ति की जायेगी. सरकार बताये कि किस जिले में कितने घंटे बिजली की आपूर्ति हुई. डीजल अनुदान मद में 786 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, पर सरकार बताये कि कितनी राशि अब तक बंटी है. सूखाग्रस्त किसानों से बैंकों द्वारा ऋण की वसूली जारी है. बैंकों द्वारा किसानों को उपभोक्ता ऋण भी सहजता से नहीं दिया जा रहा है.