पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारण के गंडामन विद्यालय की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि आज के दिन संकल्प लें कि किसी बच्चे की मौत मिड डे मील से नहीं होंने देंगे. खास कर विद्यालय शिक्षा समिति व शिक्षकों का यह मुख्य दायित्व है. सारण में मिड डे मील खाने से 23 बच्चे शहीद हो गये. किसी ने कल्पना नहीं की थी कि पेस्टीसाइट में कोई खाना बना देगा. मिड डे मील के संचालन को बोझ न समङों.
इसमें सभी का सहयोग जरूरी है. श्री कुमार सोमवार को गांधी मैदान में तीन दिवसीय समारोह का शुभारंभ करते हुए कहा कि मिड डे मील बच्चों को देने के पहले शिक्षक या समिति के सदस्य उसे जरूर चखें. सभी को शिक्षित बनाना सरकार की प्राथमिकता है. शिक्षा व मानव विकास पर हमने सबसे अधिक ध्यान दिया है. बजट का 23 फीसदी हिस्सा सरकार शिक्षा पर खर्च कर रही है. लड़कियों की शिक्षा पर विशेष जोर है. लड़कियां शिक्षित होंगी, तो प्रजनन दर घटेगा व बाल विवाह की कुप्रथा दूर होगी. तभी बढ़ती आबादी पर अंकुश लगेगा. लिंगानुपात भी ठीक होगा. उच्च शिक्षा में सुधार हो रहा है. कुलपति-प्रतिकुलपति की नियुक्ति की जा रही है. व्याख्याता नियुक्ति भी जल्द होगी.
वर्गीज समेत तीन पुरस्कृत: मुख्यमंत्री ने समाज सेविका सुधा वर्गीज, कासी प्रसाद जयसवाल शोध संस्थान के निदेशक विजय कुमार चौधरी व जहानाबाद के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की टीम को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए संयुक्त रूप से अबुल कलाम आजाद शिक्षा सम्मान पुरस्कार दिया. इस पुरस्कार की राशि दो लाख रुपये है.
बिहार गौरव सम्मान: इस साल विभिन्न परीक्षाओं में अव्वल रहे युक्ति वर्मा, सुमित सौरभ, रिसप कुमार, उत्कर्ष कुमार, अविनाश कुमार व नेहा बोस्की को बिहार गौरव पुरस्कार दिया गया. बांका के आलोक कुमार शर्मा, पटना के रोहण गुप्ता, समस्तीपुर की शोभा कुमारी, भोजपुर के ए भारद्वाज, पटना के रविरंजन, दरभंगा के अंकित लाभ, औरंगाबाद के कृष्ण कुमार तथा 27 टोला सेवकों व तालिमी मरकज स्वयंसेवी को पुरस्कार दिया गया. 274 प्रारंभिक विद्यालयों को उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया. गया के अनुग्रह नारायण कन्या उच्च विद्यालय को पुरस्कृत किया. नैक से ग्रेड लेने के लिए मगध महिला कॉलेज, आरडीएस कॉलेज मुजफ्फरपुर, आरके कॉलेज मधुबनी, एमएस कॉलेज मोतिहारी व आरएम कॉलेज सहरसा को भी सम्मानित किया. प्राथमिक विद्यालयों का इ-मेल अकाउंट लांच किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 274 उत्कृष्ट विद्यालयों की सूची व लोगों को उसकी जानकारी देने के लिए एक पुस्तिका व इंस्पायर अवार्ड स्मारिका का विमोचन किया.
12वीं तक की लड़कियों को मिले छात्रवृत्ति : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि भूलवश मैंने दसवीं की जगह 12वीं कक्षा तक की लड़कियों को छात्रवृत्ति दिये जाने की बात रविवार को एक कार्यक्रम में बोल दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे शायद इस भूल को सही कर दें और 12वीं तक की बच्चियों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा करें. मौके पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा, उच्च शिक्षा निदेशक सीताराम सिंह, प्राथमिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार चौधरी आदि मौजूद थे.