औरंगाबाद : दिल्ली में पिछले वर्ष 16 दिसंबर को 23 वर्षीय एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में दोषी ठहराये गए आरोपियों में से एक अक्षय के परिजनों को अब ईश्वर की ही आस है.
अक्षय के परिजन आज जब टीवी पर यह समाचार सुने कि आगामी 13 सितंबर को सजा सुनायी जाएगी तो हालांकि उन्होने कुछ राहत की सांस ली और आशा व्यक्त की कि सजा सुनाए जाने के समय ईश्वर की दया होगी.
अक्षय के एक परिजन ने नाम नहीं उजागर किए जाने की शर्त पर बताया कि टीवी पर सजा सुनाये जाने की तारीख सुनने के बाद अक्षय के पिता सरयू सिंह, मां माल्ती देवी, अपने दो वर्षीय पुत्र के साथ रह रही पत्नी पुनीता देवी, भाई अभय कुमार और विनय कुमार बिलखते हुये टीवी के सामने से हट गये.
मीडियाकर्मी आज सुबह से ही अक्षय ठाकुर के घर के बाहर मौजूद थे और उसके घर से उस समय तक रोने की आवाज आती रही जबतक उसके घर के परिजनों को यह खबर नहीं मिल गयी कि इस मामले में सजा अब 13 सितंबर को सुनायी जाएगी.
हालांकि अक्षय के परिजन अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए घर से बाहर नहीं आये पर रामनगर पंचायत के मुखिया राजेंद्र चौधरी ने कहा कि गांव में अक्षय के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली थी लेकिन दिल्ली में उसने जो घटिया हरकत की है उस पर पूरा गांव गुस्से में है और वह सजा पाने का हकदार है.