पटना: भाजपा कोटे के 11 पूर्व मंत्रियों को आवास के मामले में कुछ दिनों की मोहलत मिल सकती है. भवन निर्माण विभाग के आदेश की मियाद बुधवार को पूरी हो गयी. विभाग आगे की कार्रवाई करे इसके पहले पूर्व मंत्रियों की ओर से दिये गये अनुरोध पर विचार कर लेना चाहता है. इसके लिए सरकार के स्तर पर विचार मंथन जारी है. सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्रियों से सरकारी दर पर मियाद खत्म होने की तिथि से किराये की वसूली हो सकती है. लेकिन इसके पहले उनके आवेदन पर विचार किया जायेगा.
सुशील कुमार मोदी और नंदकिशोर यादव को भी नोटिस देने की तैयारी है. इस बीच पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह द्वारा निष्कासन आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील किये जाने से मामला पेचीदा हो गया है. सात दिन पहले भवन निर्माण विभाग के सक्षम पदाधिकारी शालिग्राम प्रसाद ने आठ पूर्व मंत्रियों के आवास खाली कराने के लिए निष्कासन आदेश जारी किया था.
उनमें सुशील कुमार मोदी विधान परिषद में और नंदकिशोर यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. यह दोनों पद कैबिनेट मंत्री के समकक्ष है. फिलहाल इसी आधार पर दोनों पूर्व मंत्रियों को नोटिस भेजा गया है. नंदकिशोर यादव का वर्तमान आवास , पथ निर्माण मंत्री और सुशील कुमार मोदी का सरकारी आवास वरिष्ठ मंत्री के लिए अधिसूचित है. 2011 में एनडीए-2 की सरकार ने इसका फैसला लिया था. इसके तहत अन्य पूर्व मंत्रियों के वर्तमान आवास भी संबंधित विभागीय मंत्री के पदनाम से अधिसूचित है.