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जदयू नेता ने लिया भागवत को आड़े हाथ

पटना : बिहार के कृषि मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत पर भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाला बयान दिए जाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने तथा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. पटना में आज […]

पटना : बिहार के कृषि मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत पर भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाला बयान दिए जाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने तथा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. पटना में आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भागवत का यह कहना कि देश की एकता एवं अखंडता हिन्दुत्व से ही बनी रह सकती है या संकट हिंदुत्व के जरिए ही खत्म किए जा सकते हैं, भारत के संविधान का खुला मजाक है.

उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना में एक लोकतांत्रिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य और कल्याणकारी सरकार के गठन की परिकल्पना समाहित है. सिंह ने कहा कि हम एक तरफ धर्मनिरक्षता और पंथनिरपेक्षता की बात करते हैं वहीं दूसरी तरह कुछ लोग एक पंथ या धर्म को ही सारे संकटों का मोचक कहते हैं जो उनकी समझ से उग्रवादी और देशद्रोही बात है.

उन्होंने ने कहा कि खालिस्तानी या अन्य लोगों ने जिस प्रकार आंदोलन करके देश को तोडने की कोशिश की थी वैसे ही भागवत इस तरह का बयान देकर भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए. सिंह ने कहा कि भारत विविधता में एकता समेटे हुए एक राष्ट्र है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की परिकल्पना थी कि सर्वधर्म सदभाव की नीति को अपनाकर एक राष्ट्र का निर्माण किया जाये वहीं एक पार्टी (भाजपा) सांप्रदायिक शक्तियों को बढावा देने और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने में लगी हुई है.

कृषि मंत्री ने कहा कि वे देश के तमाम लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष लोगों से अपील करते हैं कि वे एक मंच पर आएं और देश को धार्मिक उन्माद से बचाने का हर संभव प्रयास करें और उनकी पार्टी जदयू इसके लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है. यह पूछे जाने पर कि प्रदेश की वर्तमान जदयू सरकार द्वारा भागवत के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहल क्यों नहीं की गयी, नरेंद्र ने कहा कि यह सवाल एक राज्य का नहीं पूरे राष्ट्र का है और इसमें पहल केंद्र सरकार और आम नागरिक की ओर से की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अपनी सीमाएं होती हैं और हर राजनीतिक बयान पर हर राजनीतिक दल मुकदमा करे यह कोई आवश्यक नहीं और यह भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि धार्मिक और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वाले ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाए और ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे. राजद के शासनकाल में आरएसएस के किसी भी नेता के बिहार नहीं आने के राजद के दावे के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा कि भारत के हर नागरिक को देश के किसी हिस्से में आने-जाने का अधिकार है.

उन्होंने कहा कि किसी के आने-जाने पर पाबंदी लगाया जाना कदापि उचित नहीं है और अगर उसके बयान से उत्तेजना फैलती हो तो ऐसी बातों पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए. नरेंद्र ने राजद और भाजपा पर मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के बढते विकास को रोकने के लिए इन दोनों दलों ने अंदरुनी समझौता कर रखा है.

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