पटना: प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंक खाता खुलवाने पर एक लाख रुपये के दुर्घटना बीमा की सुविधा दी गयी है. लेकिन, इस दुर्घटना बीमा का लाभ उन्हीं खाताधारकों को मिलेगा, जो बीच-बीच में खाते से निकासी करते रहेंगे और यह निकासी रुपे कार्ड के जरिये होनी चाहिए. बैंक अधिकारियों का कहना है कि दुर्घटना में मौत होने के पिछले 45 दिनों में रुपे कार्ड के जरिये खाते से निकासी होने पर ही दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा. लेकिन, समस्या है कि इस योजना के तहत खोले गये अधिकतर खातों में शून्य बैलेंस है. ऐसे में इन खातों से कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है.
28 अगस्त, 2014 को देश के सभी जिलों में एक साथ इस योजना को लांच किया गया था. सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार, सात नवंबर तक इस योजना के तहत देश भर में 7.1 करोड़ बैंक खाते खोले गये हैं. इनमें से 5.3 करोड़ बैंक खातांे (74}) में शून्य बैलेंस था. इधर, 15 नवंबर तक बिहार में 45,82,000 खाता खोले गये हैं, लेकिन बैंक जानकारों की मानें, तो इनमें लगभग 34,36,500 लोगों (75}) ने खाते से एक बार भी ट्रांजेक्शन नहीं किया है.
क्या है रुपे कार्ड
रुपे दरअसल दो शब्दों से बना है. रुपे और पेमेंट. वीसा और मास्टर कार्ड की तरह काम करने वाला रुपे कार्ड पहला देसी कार्ड है. इस व्यवस्था की शुरुआत के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास खुद का पेमेंट गेटवे है.
फायदे : रुपये की लागत इंटरनेशनल कार्ड की तुलना में काफी कम है. इस कार्ड से होने वाले लेन-देन पर बैंकों को इंटरनेशनल कार्ड के मुकाबले 40 फीसदी कम अदायगी करनी होती है. ट्रांजेक्शन भी तेज गति से होते हैं.
टॉल फ्री नंबर पर ले सकते हैं जानकारी :
बिहार राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने विशेष जानकारी या शिकायत के लिए हेल्पलाइन भी प्रारंभ किया है. जिसका टॉल फ्री नंबर 18003456195 है. इस नंबर पर मुफ्त में योजना संबंधित जानकारी देने की सुविधा उपलब्ध है.
खाता खोलने के लिए हर गांव में लगेंगे कैंप
राज्य में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत उन्हीं लोगों के बैंक खाते खुल रहे हैं, जो खुद बैंकों तक आ रहे हैं. जबकि बैंकों को गांव-गांव में कैंप लगा कर खाता खोलना है, लेकिन कुछ को छोड़ कर अन्य कोई बैंक इसके लिए गांव में जाकर कैंप नहीं लगा रहे हैं. शुक्रवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में योजना की समीक्षा के दौरान इस बात को गंभीरता से लिया गया. वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह ने कहा कि हर बैंक की शाखा को हर सप्ताह एक-एक गांव में कैंप लगा कर लोगों का खाता खोलना होगा. इस कार्य में पंचायत स्तर के सभी सरकारी कर्मचारी सहयोग करेंगे. सभी बैंक अपना 20 सप्ताह का कार्यक्रम तैयार कर विभाग को सौंप दें, ताकि इसके आधार पर संबंधित पंचायतों में कर्मचारियों को पहले से सूचना दे दी जाये. जिस गांव में कैंप लगना है,वहां कुछ दिन पहले से बैनर टांगे जायें.
सिर्फ खाता खोलने तक सीमित नहीं : जन-धन योजना बड़े टारगेट के लिए चल रही है. इसका दायरा सिर्फ लोगों का बैंक एकाउंट खोलने तक नहीं है. खाता खोलने के साथ-साथ लोगों को जन कल्याणकारी योजना के आधार पर चिह्न्ति करना है, ताकि आने वाले समय में संबंधित योजना की राशि उनके खाते में हर महीने सीधे ट्रांसफर हो जाये. अगर खाता खोलने के साथ ही इस तरह का डाटा बेस तैयार नहीं हुआ,तो बाद में लोगों को योजनावार अलग-अलग छांटना बहुत मुश्किल हो जायेगा. बैंक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में ऐसा कोई सॉफ्टवेयर किसी बैंक के पास नहीं है, तो खाता खोलने के बाद लोगों को कटेगरी के हिसाब से अलग-अलग छांटा जा सके. प्रधान सचिव ने इस काम को गांव-गांव में कैंप लगा कर अभियान के तौर पर करने को कहा. इस काम में पंचायत स्तर के सभी सरकारी कर्मचारी पूरी तरह से मदद करेंगे. कैंप में विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन,छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल योजना का लाभ लेने वालों का खाता प्राथमिकता के आधार पर खोला जाये.