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सीएम ने नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, मांगा वक्त

संवाददाता, पटना सीएम ने नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, मांगा वक्त. चार पन्नों के पत्र में सीएम ने उत्तर बिहार की बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान के लिए नेपाल में हाइ डैम, केंद्रीय योजनाओं को सरल करने, राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने, इलाहाबाद से हल्दिया तक नौपरिवहन शुरू करने के पहले इंपैक्ट स्टडी कराने […]

संवाददाता, पटना

सीएम ने नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, मांगा वक्त. चार पन्नों के पत्र में सीएम ने उत्तर बिहार की बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान के लिए नेपाल में हाइ डैम, केंद्रीय योजनाओं को सरल करने, राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने, इलाहाबाद से हल्दिया तक नौपरिवहन शुरू करने के पहले इंपैक्ट स्टडी कराने और गंगा में बराज निर्माण के निर्णय पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि गंगा में बराज बनाने के निर्णय पर रोक नहीं लगी, तो यह नदी तालाब में परिणत हो जायेगी. मांझी ने गंगा के पानी के बंटवारे के लिए गंगा के किनारेवाले राज्यों की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने बिहार की नदियों से गाद

हटाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावकारी राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाये जाने पर जोर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार की लंबित वार्षिक योजनाकार में लगातार कटौती कर रही है. विशेष राज्य का दर्जा नहीं देकर बिहार के साथ ज्यादती कर रही है. इस संबंध में बिहार की जनता की मंशा से प्रधानमंत्री को अवगत करायेंगे.
पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा में इलाहाबाद से हल्दिया तक बराज निर्माण से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कराया जाना जरूरी है. आकलन होने तक बराज निर्माण का काम रोक देना चाहिए. यूपी और उत्तराखंड में बांध और बराज के निर्माण से गंगा मृत अवस्था में पहुंच गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा का 75 प्रतिशत पानी बिहार के ऊपरी राज्यों में पड़ता है. इसके बाद भी 1996 में बांग्लादेश के साथ हुए करार के तहत बिहार पर फरक्का बराज में 15 सौ क्यूमेक पानी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है. इसी के चलते गंगाजल के उपयोग के लिए बिहार की कोई परियोजना स्वीकृत नहीं की जाती. जबकि ऊपरी राज्यों की हिस्सेदारी के लिए बिहार 1995 से ही केंद्र से लगातार अनुरोध करता रहा है. 2009 में भी बिहार सरकार ने इस प्रकार का अनुरोध किया था.
पत्र में मुख्यमंत्री ने बिहार की लंबित परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इन्हें शीघ्र पूर्ण कराना चाहिए. एआइबीपी, एफएमपी,आरएमडब्लयूबीए के तहत योजनाओं का चयन और उसे पैसे उपलब्ध कराने का मानक बिहार के रास्ते में बाधक बना हुआ है. पत्र में कहा कि नेपाल के सप्तकोसी इलाके में हाइ डैम, बागमती नदी के नुनथौर एवं कमला नदी के चीसापानी स्थान पर डैम का निर्माण कराया जाना बिहार के हित के लिए जरूरी है. इसके लिए डीपीआर तैयार करनी थी और 2004 में संयुक्त परियोजना कार्यालय की स्थापना की गयी थी. इसे 30 महीनों में पूरा करना था, लेकिन आज तक यह पूर्ण नहीं हुआ. अब इसका नया लक्ष्य 2015 रखा गया है. बूढ़ी गंडक नदी पर मसान डैम के निर्माण में भी कई बाधाएं हैं. इन्हें दूर किया जाना चाहिए.मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवर मैनेजमेंट एक्टिविटी एंड वर्क्‍स रिलेटेड टू बॉर्डर एरिया स्कीम में बिहार के हिस्से के 215.49 करोड़ रुपये नहीं दिये जा रहे हैं. इसके अलावा त्वरित सिंचाई योजना के तहत 2011-12 से 2013-14 तक एक पैसे नहीं उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस पर में केंद्र के समक्ष बिहार की 1213.62 करोड़ रुपये लंबित हैं.
झारखंड सरकार के कारण नवादा और गया को नहीं मिल रहा पानीमुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि यूपी और झारखंड की सरकारों के असहयोगी रवैये के कारण 140 साल पुराने सोन नहर योजना का लाभ बिहार को नहीं मिल रहा है. इंद्रपुरी जलाशय योजना के पूर्ण नहीं होने से 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन संभव नहीं हो पा रहा. इसी प्रकार तिलैया जलाशय योजना से दो लाख एकड़ फुट जल को ढाढ़र नदी में ले जाने से दक्षिण बिहार के जिलों में सूखे की स्थिति बनने की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया गया है.
नीतीश से मतभेद नहीं, टिप्स लेता हूं
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से किसी भी प्रकार की दूरी से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, नीतीश कुमार और मेरे के बीच चट्टानी एकता है. किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है. नीतीश कुमार मेरे काम पर विश्वास करते हैं और समय-समय पर टिप्स भी देते हैं. जब-जब उन्होंने टिप्स दिया है, वह अच्छा रहा है और उसका सकारात्मक परिणाम आया है.
वह सोमवार को जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब दे रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने अफवाह उड़ायी कि मेरे और नीतीश कुमार के बीच दूरियां हैं, लेकिन ऐसी बात ही नहीं है. नीतीश कुमार फिलहाल संगठन को मजबूत कर रहे हैं, जबकि मैं सरकार चला रहा हूं. नीतीश कुमार ने राज्य सरकार को जहां छोड़ा था, उससे हम पीछे नहीं, आगे ही बढ़े हैं. जहां तक नीतीश कुमार के साथ मंच साझा का सवाल है, तो पार्टी जहां कार्यक्रम करेगी, वहां मौजूद रहूंगा. 13 नवंबर से शुरू होनेवाली संपर्क यात्रा के दौरान जब जहानाबाद जिले का कार्यक्रम होगा, तो मैं नीतीश कुमार के साथ मौजूद रहूंगा.
मुख्यमंत्री पद से उन्हें हटाने के लिए नीतीश के लालू से भेंट करने के सवाल पर श्री मांझी ने कहा कि यह बेबुनियाद है. नीतीश कुमार वहां महागंठबंधन की बैठक में गये थे. प्रवक्ता के रूप में उन्होंने बात भी रखी थी और लालू प्रसाद से औपचारिक रूप से मिलने गये थे. जदयू और राजद के विलय के सवाल पर सीएम ने कहा कि इस पर शरद यादव, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को फैसला लेना है. मेरी व्यक्तिगत राय है कि भाजपा के खिलाफ सभी दलों को मिल कर लड़ना चाहिए. साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए.
भाजपा के कई नेताओं पर विजिलेंस केस
भाजपा नेता सुशील मोदी द्वारा सीएम के दामाद प्रकरण पर उनसे इस्तीफा मांगने और उनके वेतन से राशि की वसूली करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशील मोदी की मांग बेबुनियाद है. उनके दल में भी कई ऐसे लोग हैं, जिनका विजिलेंस केस फिलहाल बंद है. हम छीछालेदर नहीं करना चाहते हैं. अगर उनका मामला उठायेंगे, तो वे कहीं के नहीं रहेंगे. मैं सुशील मोदी के बयान को ज्यादा महत्व नहीं देता हूं. दामाद मामले में जानकारी के अभाव में सब कुछ हो गया था. जब जानकारी हुई, तो उन्हें हटा दिया गया. सुशील मोदी इस्तीफे की बात कर रहे हैं, तो इस्तीफा केंद्र सरकार के उस मंत्री से मांगे, जिनका बेटा रेप केस में फंसा है. वहीं, केंद्रीय मंत्री येदियुरप्पा से इस्तीफा ले जिन पर कई तरह के मामले चल रहे हैं.
कैबिनेट विस्तार में बिहार का अपमान
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार में बिहार का अपमान किया गया है. केंद्र की सरकार हमेशा बिहार के साथ नाइंसाफी करती रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नाइंसाफी की. कुछ लोग बिना कहे नाइंसाफी करते थे, लेकिन उन्होंने वादा करने के बाद वादाखिलाफी की है. लोकसभा चुनाव के दौरान वे वंशवाद का विरोध करते थे, लेकिन झारखंड से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा को राज्यमंत्री बनाया गया है. बिहार से राजीव प्रताप रूडी को राज्यमंत्री बना कर उनका मजाक उड़ाया गया है. बिहार के नेताओं को मंत्री तो बनाया गया, लेकिन महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया है. बिहार के मंत्रियों की संख्याबल तो है, विभाग के मामले में उनकी कद्र नहीं है. अच्छे विभाग मिलते को कुछ और बात होती. मोदी सरकार में कई ऐसे कैबिनेट मंत्री हैं, जो पहली बार जीते या फिर उनकी शैक्षणिक योग्यता कम है. श्री मांझी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अगर ऐसा किया गया है, तो ठीक ही है. बिहार की जनता इसे समङो. इससे स्पष्ट संदेश जायेगा कि बिहार को ठगा जा रहा है.
एक-दो महीने में डेंटल हॉस्पिटल के लिए जमीन
मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार को उन्होंने राज्यपाल डॉ डीवाइ पाटील से मुबंई में उनके आवास पर मुलाकात की. राज्यपाल का टर्म 26-27 नवंबर को खत्म होने वाला है. इस दौरान उनके बिहार आने की संभावना कम है. इसलिए उनसे शिष्टाचारवाली मुलाकात थी. मैंने राज्यपाल से गया में अत्याधुनिक डेंटल हॉस्पिटल खोलने की मांग की. राज्यपाल ने इसे मंजूरी दे दी है. अगले एक-दो महीने में गया के पास उन्हें जमीन दे दी जायेगी. यह मांग बिहार सरकार ने पहले भी रखी थी, लेकिन राज्यपाल ने इसे टाल गये थे.
भाजपा को जैसा समझा, वैसा कर रही काम
एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा व शिवसेना के बीच क्या है यह उनका अंदरुनी मामला है, लेकिन बिहार में जदयू से भाजपा का संबंध विच्छेद लोकसभा चुनाव से पहले से था. हमें भाजपा में किसी व्यक्ति से विभेद नहीं था. लोग इसकी अनदेखी कर रहे थे, लेकिन भाजपा की ओर से संविधान के विपरीत बयान आ रहा था. सिर्फ नीतीश कुमार ही नहीं, जदयू कार्यकारिणी का भाजपा से अलग होने का निर्णय था. भाजपा को हमने जैसा सोचा व समझा था, वह वैसा ही काम कर रही है. इसलिए हमें संतोष है कि हमने भाजपा से अलग होने का फैसला किया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल, विज्ञान व प्रावैधिकी मंत्री शाहिद अली खान, समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह, कला-संस्कृति मंत्री विनय बिहारी, मंत्री बीमा भारती भी मौजूद थी.
इन पर दें ध्यान
गंगा जल बंटवारे पर तत्काल बुलायी जाये संबंधित राज्यों की बैठक
गंगा पर बराज बनाने के निर्णय पर लगे रोक
बिहार की नदियों से गाद हटाने के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बने
विशेष राज्य का दर्जा नहीं देकर बिहार के साथ अन्याय कर रही है केंद्र सरकार
बिहार में बाढ़ से निबटने के लिए नेपाल में हाइ डैम बने
पटना के जोनल आइजी और सिटी एसपी बदले
संवाददाता, पटना
आइएएस अधिकारियों के तबादले के दो दिन बाद सोमवार को राज्य सरकार ने पुलिस महकमे में भी बड़ा फेरबदल किया. एडीजी स्तर के पांच अधिकारियों समेत पटना के जोनल आइजी कुंदन कृष्णन को बदल दिया गया. कुंदन कृष्णन अब आतंकवाद निरोधक दस्ते के आइजी होंगे. उनकी जगह एके आंबेडकर को पटना का जोनल आइजी बनाया गया है. पटना के सिटी एसपी सत्यवीर सिंह समेत सारण, शिवहर और पूर्वी चंपारण के एसपी का भी तबादला कर दिया गया है. सत्यवीर सिंह को सारण का एसपी बनाया गया है. पटना के ट्रैफिक एसपी को पटना के सिटी एसपी का प्रभार सौंपा गया है. गांधी मैदान हादसे के बाद हटाये गये पटना के एसएसपी मनु महाराज व डीआइजी अजिताभ कुमार को पदस्थापित नहीं किया गया है.

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