भागलपुर: ‘पढ़ोगे-लिखोगे, बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब’ अकसर बच्चों को घर के बड़े-बूढ़े की ओर से मिलने वाली यह फटकार अब काफी पुरानी हो चुकी है.
शिक्षा के साथ-साथ अब खेल भी युवाओं के कैरियर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है. खेल अब ‘खेल’ तक ही सीमित नहीं रहा है. खेल दौलत के साथ शोहरत कमाने का भी जरिया बन रहा है. सचिन, मैरी कॉम, सायना नेहवाल जैसी प्रतिभाएं शहर व आसपास से निकल कर विश्वपटल पर समाज व देश का नाम रोशन कर रही है.
भागलपुर प्रमंडल में विभिन्न खेलों में दर्जनों खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिली है. सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए नौकरी का प्रावधान किया है, जो सफल भी हो रहा है. नतीजा यह है कि अब गांवों से अच्छे खिलाड़ी निकल रहे हैं. भागलपुर जैसे सुविधा विहीन शहर में खेल की आधारभूत संरचना नहीं के बराबर है, लेकिन गांव से ही निकल कर भारती कुमारी व सपना कुमारी ने राष्ट्रीय स्तर पर दौड़ व ऊंची कूद में अपनी योग्यता साबित की और कई पदक जीती. भागलपुर की माटी में भारती व सपना की कमी नहीं है. बस उसे सही प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए. यहां के खिलाड़ी मेहनती हैं. हाल के दो वर्षो में जिले में खेल की गतिविधियां बढ़ी है. सरकारी स्तर पर कई उपलब्धियां खेल के क्षेत्र में हुई है, लेकिन सरकार को इस दिशा में और ध्यान देना होगा, ताकि यहां से भी धौनी, सबा करीम जैसे खिलाड़ियों निकले जो अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाये.
खेल संगठनों के अधिकारी ने कहा : जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव नसर आलम ने कहा कि नौकरी मिलने से खिलाड़ियों में खेल के प्रति उत्साह बढ़ेगी. अच्छे खिलाड़ी पैदा होंगे. इससे संगठन को भी मजबूती प्रदान होगा. संघ के अधिकारी चाहते है कि उनके खिलाड़ी राज्य ही नहीं देश स्तर पर पदक जीते. वॉलीबॉल इंटरनेशनल लेवल कोच नील कमल राय ने बताया कि खेल के आधार पर नौकरी देना सरकार का सकारात्मक कदम है.