पटना: केंद्र ने तीन शहरों की सूची स्मार्ट शहरों के लिए मांगी थी, जबकि राज्य सरकार ने 20 की सूची भेजी है. नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को कहा कि बिहार को 20 से कम स्मार्ट सिटी मंजूर नहीं है. अगर इससे कम शहरों को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया, तो इसे राज्य का अपमान समझा जायेगा.
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने केंद्र में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है. साथ ही यहां की आबादी और सांसदों की भागीदारी भी 10 फीसदी है. राज्य ने 20 शहरों के नाम और उसकी ऐतिहासिकता को रेखांकित करते हुए प्रस्ताव भेज दिया है. शुक्रवार को केंद्र के साथ होनेवाली बैठक में हम बिहार का पक्ष रखेंगे.
पटना, दानापुर, फतुहा व मनेर के भी नाम
उन्होंने कहा कि जिन शहरों की सूची भेजी गयी है, उनमें 11 नगर निगम क्षेत्र हैं. पटना के साथ दानापुर, नौबतपुर, दीदारगंज, फतुहा व मनेर को शामिल कर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की मांग की गयी है. आरा व कोईलवर को मिला कर एक स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव दिया गया है.
यह क्षेत्र बाबू कुंवर सिंह की जन्मस्थली है. इसी तरह राज्य के रिफाइनरी के प्रसिद्ध बेगूसराय के साथ बरौनी व बिहटा को मिला कर एक शहर, रेशम वस्त्र व श्रवणी मेला के महत्व को देखते हुए भागलपुर के साथ सुल्तानगंज, बौद्ध स्थल के रूप में प्रसिद्ध बिहारशरीफ के साथ नालंदा व राजगीर को मिला कर एक स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव दिया गया है. दरभंगा का शहरी क्षेत्र, गया के साथ बोधगया को मिला कर एक शहर.
भगवान नरसिंह के प्रकट होनेवाले स्थल के रूप में कटिहार के साथ पूर्णिया को जोड़ कर स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. दानवीर कर्ण के नाम पर मुंगेर के साथ जमालपुर को जोड़ने, खगड़िया को मानसी के साथ जोड़ कर एक स्मार्ट सिटी, विश्व के पहले गणतंत्र की भूमि वैशाली, मधुबनी पेंटिंग के लिए मधुबनी, मंडन मिश्र की धरती सहरसा, शेरशाह की भूमि सासाराम, प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जन्मभूमि छपरा, बापू की कर्मभूमि मोतिहारी, देवमंदिर व छठ व्रतियों की भूमि औरंगाबाद, सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी और ककोलत जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध नवादा को भी स्मार्ट सिटी में शामिल करने की मांग की गयी है.