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सुबह होते ही लाठी-डंडे लेकर निकल पड़ते हैं ऑटोचालक और करते हैं मनमानी

पटना : अपनी जिद पर अड़े ऑटोचालकों ने अब शहर में आतंक मचाना शुरू कर दिया है. सुबह से ही लाठी-डंडों से लैस हो सड़कों पर उतर कर ऑटोचालक विभिन्न रूटों पर मनमानी कर रहे हैं. उन्होंने बसों में तोड़-फोड़ की, ड्राइवर और खलासी को धमकाया, यहां तक कि जरूरी काम से सफर कर रहे […]

पटना : अपनी जिद पर अड़े ऑटोचालकों ने अब शहर में आतंक मचाना शुरू कर दिया है. सुबह से ही लाठी-डंडों से लैस हो सड़कों पर उतर कर ऑटोचालक विभिन्न रूटों पर मनमानी कर रहे हैं. उन्होंने बसों में तोड़-फोड़ की, ड्राइवर और खलासी को धमकाया, यहां तक कि जरूरी काम से सफर कर रहे यात्रियों को भला-बुरा कहा और उनसे मारपीट की.
बुद्धा कॉलोनी थाने के दुजरा और दीघा थाने के दीघा घाट में ऑटो कर्मियों ने खूब मनमानी की. एबी ग्रेस स्ट्रीट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित दो बसों पर पथराव किया, उनके शीशे तोड़ दिये. जानकारी के अनुसार कुर्जी में यात्रियों के साथ बदसलूकी की गयी तथा उन्हें बसों से उतार कर मारा-पीटा गया. पुलिस के पहुंचने पर ऑटो कर्मी खिसके. इधर कारगिल चौक के पास हंगामा कर रहे पांच-छह ऑटोचालकों को पुलिस ने पकड़ा है.
लिखित आश्वासन मिलने के बाद भी अनशन
नगर विकास मंत्री के लिखित आश्वासन मिलने की बात कह कर हड़ताल और अनशन जारी रखनेवाले ऑटो मेंस यूनियन को गुरुवार को पत्र भी मिला, जिसमें 15 दिनों तक कोई टैक्स नहीं लेने व प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा इसका रास्ता निकालने की बात की गयी है, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अनशन जारी रखा है. ऑटो मेंस यूनियन के अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि वार्ता होने तक अनशन जारी रहेगा. हालांकि शाम तक अनशन करनेवालों को यूनियन के लोग ही अनशन तोड़ने के लिए मनाते रहे, लेकिन उनकी कोशिश रंग नहीं ला सकी. यूनियन के वरीय सदस्यों ने गुस्से में यहां तक कहा कि नये लोगों के तुरंत नेता बनने की चाहत, अड़ियल और अनगढ़ रुख के कारण इस आंदोलन में यूनियन कमजोर पड़ गया है.
यूनियन का पैदल मार्च नंग-धडंग प्रदर्शन
दूसरी ओर ऑटो के विभिन्न यूनियनों की ओर से शहर में गुरुवार को भी प्रदर्शन जारी रहा. संयुक्त संघर्ष मोरचे ने पटना जंकशन से कारगिल चौक तक पैदल मार्च करते हुए सरकार व प्रशासन के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली, वहीं ऑटो मेंस यूनियन ने सिटी का रास्ता वन वे करने और ऑटोचालकों पर लाठी चार्ज के विरोध में कारगिल चौक, गांधी मैदान के समीप नंग-धड़ंग प्रदर्शन किया. यूनियन के लोगों ने अशोक राजपथ पर वन वे को बंद करने की मांग की.
हंगामा करनेवालों पर होगी कार्रवाई : डीएम
पटना. पब्लिक को बेवजह परेशान करनेवाले ऑटोचालकों पर कार्रवाई की जायेगी. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार सबको है, पर दूसरों को बेवजह परेशान करने का हक किसी को नहीं है. प्रशासन को यह सूचना मिल रही है कि ऑटोचालक लगातार बसों में तोड़-फोड़ करने के साथ आम लोगों को भी परेशान कर रहे हैं. हम विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए कटिबद्ध हैं. इसे लागू करने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, उसे अवश्य उठायेंगे. प्रभात खबर द्वारा उठाये गये सवालों पर डीएम ने कहा कि इन समस्याओं को खत्म करने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. हम ऑटोचालकों के मुद्दे को लगातार जानने का प्रयास कर रहे हैं.
यह पटना नगर निगम और नगर विकास विभाग के बीच का मामला है. नगर विकास मंत्री ने ऑटोचालकों को पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, लेकिन वे लिखित पर अड़े रहे. यूनियनवालों ने हमें फोन कर कहा कि आप किसी मजिस्ट्रेट को भेज दीजिए, हम अनशन खत्म कर देंगे, लेकिन जब हमने एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट को भेजा, तो वे लिखित की मांग कर उससे पीछे हट गये. डीएम ने कहा कि ऑटोचालक गैर वाजिब तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, तोड़-फोड़ कर रहे हैं और आम लोगों को परेशान कर रहे हैं. हमने नगर निगम आयुक्त से बात की है, वे कह रहे हैं कि दिन भर में केवल दस रुपये ही लिये जायेंगे, लेकिन ऑटोवाले उसे भी नहीं देना चाहते. डीएम ने कहा कि उनकी ऑटोचालकों से अपील है कि वे किसी के बहकावे में नहीं आएं. उनसे दिन भर में एक ही बार टैक्स लिया जायेगा. आम लोगों की समस्याओं को देखते हुए हड़ताल वापस ले लें और प्रशासन की मदद करें.
टेंपोचालक हड़ताल से लौटें : सम्राट चौधरी
पटना : नगर विकास एवं आवास मंत्री सम्राट चौधरी ने टेंपो के चालकों से जिद छोड़ कर हड़ताल से वापस लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा कि विभिन्न ऑटोचालक संघों के साथ उनकी वार्ता हुई है. उनकी समस्याओं को दूर करने की दिशा में सरकार की ओर से पहल भी की गयी है. इस दिशा में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को 15 दिनों तक सभी ऑटो पड़ावों से बंदोबस्ती की वसूली कार्य बंद कर दिये जाने का निर्देश दिया है.
24 घंटें में हड़ताल खत्म कराएं: नंद किशोर
पटना. ऑटोचालकों की हड़ताल के कारण पिछले पांच दिनों से पटना के लाखों लोग परेशान हैं, किंतु सरकार इसका समाधान नहीं कर रही. सरकार की संवदेनहीनता का हाल यह है कि मोबाइल-इंटरनेट के दौर में नगर विकास मंत्री इस ज्वलंत मुद्दे पर आयुक्त से चिट्ठी-पत्री के जरिये बात कर रहे हैं. सरकार 24 घंटे में टेंपो हड़ताल खत्म कराये. ये बातें विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने की. उन्होंने कहा है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.
वह मामूली मुद्दों का हल निकालने के लिए लंबा रास्ता अपना रहा है. ऐसे में अब मुख्यमंत्री को हड़ताल समाप्त कराने के लिए सीधा हस्तक्षेप करना होगा. टेंपो हड़ताल के कारण एक लाख लोग परेशान हैं. खासकर नौकरीपेशा लोगों, छात्रों व महिलाओं की प्रॉब्लम बढ़ गयी है. सरकार ने न तो शीघ्र हड़ताल समाप्त कराने के लिए पहल की, न सरकारी व प्राइवेट बसों को चलाने का प्रबंध किया.
5.19 लाख में कर दिया बंदोबस्त, नहीं उपलब्ध करायी कोई सुविधा
पटना : निगम प्रशासन ने टाटा पार्क को 5.19 लाख रुपये में ठेकेदार के हाथों बंदोबस्त तो कर दिया, मगर ऑटोचालकों के लिए कोई सुविधा नहीं उपलब्ध करायी है. इसमें न तो शौचालय, न यात्री शेड और न ही पेयजल की व्यवस्था है. इसी मुद्दे को लेकर ऑटो यूनियनों ने पांच दिनों से हड़ताल कर रखी है. निगम के अधिकारियों के मुताबिक टाटा पार्क की बंदोबस्ती छह वर्षो के बाद की गयी है. इसके पहले ऑटो यूनियन के लोग ही अपने मुताबिक चालकों से वसूली करते थे. इसमें 40 वाहनों के एक साथ खड़े रहने की क्षमता है.
बंदोबस्ती के बदले ठेकेदार सेवा शर्त के अनुरूप प्रतिदिन प्रति ऑटो स्टैंड शुल्क 10 रुपये वसूल रहा है. इसे लेकर गुरुवार को नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद ने ऑटो चालक संघ के वार्ता करने के लिए टाटा पार्क पहुंचे और 45 मिनट तक बातचीत की, लेकिन ऑटोचालकों ने कार्यपालक पदाधिकारी के आश्वासन को नहीं माना.उन्होंने बताया कि सेवा शर्त के अनुसार ही ठेकेदार प्रति दिन एक ऑटो से 10 रुपये की वसूली कर रहा था. ऑटो स्टैंड में नागरिक सुविधा पेयजल व शौचालय उपलब्ध कराना निगम का दायित्व है और इसके लिए योजना बनायी जा रही है.
टाटा पार्क को बना दिया ऑटो स्टैंड
पटना. टाटा पार्क, कभी जंकशन से निकलते ही शहर आनेवाले लोगों को अपनी सुंदरता से लुभाता था. नगर निगम को जब जगह की आवश्यकता हुई, तो इसी पार्क को ऑटो स्टैंड बना दिया गया. स्टैंड बनाते ही यहां ऑटो लगने लगे, लेकिन सुविधाएं नहीं के बराबर रही. शौचालय, यात्री शेड, पेयजल आदि की सुविधा के लिए नगर निगम ने इसकी बंदोबस्ती निजी हाथों को सौंप दी. गुरुवार को जब इस ऑटो स्टैंड का प्रभात खबर ने जायजा लिया, तो वहां सुविधाओं की काफी कमी थी.
फुटपाथी दुकानदारों द्वारा चारों तरफ अतिक्रमण कर लिये जाने के कारण दूर से तो पता ही नहीं चलता है कि वहां कोई ऑटो स्टैंड भी है. अंदर पहुंचने पर पता चलता है कि यह कोई कचरा घर है. पुराने और टूटे हुए रिक्शे वहां जमा पड़े हैं. गंदगी से वहां अघोषित पेशाब घर भी बन गया है.

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