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पुलिस खामोश: मोबाइल फोन से मांगी जाती है रंगदारी, हत्या व अपहरण की रची जाती है साजिश

पटना: बेऊर जेल के अंदर से सरगना अपने गिरोह को संचालित कर रहे हैं. इसे रोकने में पटना पुलिस विफल रही है. हाल में ही पुलिस ने कई मामलों का खुलासा किया. जानकारी मिली कि जेल के अंदर से गिरोह के सरगना ने मोबाइल फोन के माध्यम से अपने गिरोह को हत्या व रंगदारी जैसे […]

पटना: बेऊर जेल के अंदर से सरगना अपने गिरोह को संचालित कर रहे हैं. इसे रोकने में पटना पुलिस विफल रही है. हाल में ही पुलिस ने कई मामलों का खुलासा किया.

जानकारी मिली कि जेल के अंदर से गिरोह के सरगना ने मोबाइल फोन के माध्यम से अपने गिरोह को हत्या व रंगदारी जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देने का निर्देश दिया.

कैसे पहुंच रहा जेल के अंदर मोबाइल फोन : यह आश्चर्य का विषय है कि जेल के अंदर मोबाइल फोन कैसे पहुंच रहा है. पुलिस टीम जब भी वहां छापेमारी करती है, तो मोबाइल फोन बरामद किये जाते हैं. वर्ष 2014 में जनवरी से लेकर अब तक जेल के अंदर से तीन दर्जन से अधिक मोबाइल फोन बरामद किये जा चुके हैं. 2013 में चार दर्जन से अधिक मोबाइल बरामद किये गये थे. वर्ष 2010 से लेकर 2012 तक सात सौ मोबाइल फोन बरामद किये गये थे.

केस-एक
अगमकुआं की पहाड़ी के पास बिल्डर शैलेश कुमार की हत्या अपराधियों ने कर दी थी. पुलिस टीम ने घटना को अंजाम देने वाले कांट्रेक्ट किलर रणधीर कुमार सिंह उर्फ नाटु सिंह (पैजना, घोसवरी), विशाल कुमार उर्फ विशाल सिंह (बाकरगंज, दलदली रोड, कदमकुआं), राजेश रजक (पूर्वी इंदिरा नगर, कंकड़बाग) व हर्ष वर्धन (नौरंगा, बलिया, उत्तरप्रदेश) को पकड़ लिया था. पकड़े गये रणधीर उर्फ नाटू सिंह ने पुलिस को बताया था कि शराब व्यवसायी साकेत गुप्ता हत्याकांड में जेल में बंद पंकज सिंह ने हत्या करने का निर्देश दिया था. पंकज ने शैलेश के बिजनेस पार्टनर राजेश यादव से हत्या करने की सुपारी ली थी. इस कांड में भी जेल से गिरोह को संचालित करने की जानकारी पुलिस को मिली थी.
केस-दो
पुलिस ने एक नामचीन बिल्डर की हत्या की साजिश को नाकाम करते हुए कुख्यात बिंदु सिंह के आठ कांट्रेक्ट किलरों विष्णु उर्फ विश्वजीत कुमार सिंह (रामनगर, कोपा, छपरा), छोटू कुमार (बालूघाट, महेंद्रू), पिंटू कुमार (भंवरपोखर, पीरबहोर), कृष्ण मुरारी (लतौना, त्रिवेणीगंज, सुपौल), गौतम कुमार (खान मिर्जा धोबी टोला, सुल्तानगंज), रिकी सिंह (भंवरपोखर, सब्जीबाग), गुड्डू कुमार (त्रिपोलिया, आलमगंज) व छोटू कुमार (महेंद्रू, सुल्तानगंज) को पकड़ा गया था. इन सभी को पकड़े जाने के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि यह गिरोह बिंदु सिंह के इशारे पर काम करता है और बिंदु सिंह बेऊर जेल के अंदर से मोबाइल फोन के माध्यम से हत्या या अन्य संगीन आपराधिक वारदातों को अंजाम देने का निर्देश देता था.
केस-तीन
पुलिस ने श्रीकृष्णापुरी की आनंदपुरी के बिल्डर गिरीश कुमार व दानापुर के चिकित्सक नागेश्वर की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया था. इन दोनों की हत्या करने के लिए जेल के अंदर से कुख्यात शंकर राय (मंदिरी) ने निर्देश दिया था. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने शंकर राय गिरोह के सिपुल कुमार (हाथीदह), राहुल कुमार उर्फ राहुल सहनी (बस स्टैंड लाल बाग, दरभंगा), चंदन कुमार उर्फ भोली (लाची लक्ष्मीपुर, खड़कपुर, मुंगेर), सूरज कुमार उर्फ सुरज हड्डी (दूजरा देवी स्थान गली), छोटू कुमार (दुजरा पहलवान घाट) व अजरुन मंडल (सिरसी, समियागढ़) को गिरफ्तार किया था.

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