पटना: पटना हाइकोर्ट ने पटना के डीएम, एसएसपी और पटना नगर निगम के आयुक्त को 4 अगस्त तक राजधानी के चार अंचल और 29 थाना क्षेत्र को खटालमुक्त करने की कार्य योजना पेश करने का निर्देश दिया है.
सोमवार की सुनवाई में उपरोक्त सभी अधिकारी मौजूद थे. न्यायाधीश वीएन सिन्हा और पीके झा के खंडपीठ ने डॉ अशोक कुमार सिन्हा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिये. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि खटाल तो म्यूजिकल चेयर की तरह उभर रहे हैं. डीएम, एसएसपी तथा नगर आयुक्त एक-दूसरे से सलाह कर योजना पर कार्य करें. कोर्ट ने संबंधित अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी तथा थानाध्यक्षों को इस संबंध में शपथ पत्र दायर करने का भी निर्देश दिया है. बहस के दौरान पटना के डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि मैं तो अभी नया आया हूं. कोर्ट ने कहा कि नया-पुराना से नहीं. आप अपना काम करें. अगली सुनवाई अब 4 अगस्त को होगी. उस तिथि को जिलाधिकारी, एसएसपी और नगर आयुक्त को कोर्ट में मौजूद रहने का भी आदेश दिया है.
मीठापुर चौराहे से हटाएं गंदगी : पटना हाइकोर्ट ने पटना नगर निगम को 31 जुलाई तक मीठापुर चौराहा को गंदगी से मुक्त करने का आदेश दिया है. गंदगी के कारण लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है.
तीन सप्ताह में बहाल करें उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष
हाइकोर्ट ने उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव को तीन सप्ताह के अंदर 16 जिलों में उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों की नियुक्ति कर लेने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा व पीके झा के खंडपीठ ने प्रशांत सिन्हा द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि 16 उपभोक्ता फोरम में कार्य हो रहे हैं. शेष 20 को पूर्ण रूप से कार्य करने योग्य बनाने का प्रयास चल रहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि जहां भी कर्मचारियों की कमी हो, वहां प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों को लाया जाये. कर्मचारियों की स्थायी बहाली होने तक व्यवहार न्यायालयों के रिटायर्ड कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त कर उनसे काम लिया जाये. जहां तक वर्ग चार के कर्मियों की कमी की बात है, तो डीएम आउटसोर्सिग के माध्यम से कर्मियों की नियुक्ति दो महीने के अंदर करें.