पटना: पटना में पिछले साल 27 अक्तूबर को भाजपा की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में पकड़े गये तीन आतंकी इम्तियाज आलम, अजहरुद्दीन कुरैशी व मोहम्मद उमर सिद्दिकी को दो दिनों के रिमांड पर लिया है.
पटना पुलिस ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रवाल दत्ता की अदालत में आतंकियों से पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने का आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. विदित है कि सीरियल बम ब्लास्ट मामले में गांधी मैदान थाने व जीआरपी पटना जंकशन में अलग-अलग मामले दर्ज किये गये थे. इनमें छह आतंकियों इम्तियाज, तारिक उर्फ ऐनुल, हैदर, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू, नोमान व तौफीक को नामजद आरोपित बनाया गया था. इन दोनों ही मामलों में अब एनआइए की टीम जांच कर रही है. इसके बाद पटना पुलिस ने इस मामले का खुद अनुसंधान करने के लिए अलग से 13 नवंबर को एक प्राथमिकी गांधी मैदान थाने में दर्ज करायी थी.
प्राथमिकी में कहा गया था कि देश की खुफिया व जांच एजेंसियों से इस बात की जानकारी मिल रही है कि बाहरी मुल्कों से हवाला के माध्यम से सूबे में आतंकियों को आर्थिक मदद भेजी जा रही है और पैसों व सीडी दिखा कर इंडियन मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य बनाया जा रहा है. गांधी मैदान के तत्कालीन थानाध्यक्ष राजबिंदु प्रसाद के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में इंडियन मुजाहिद्दीन के तहसीन अख्तर उर्फ मोनू, हैदर समेत दर्जनों अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था. दोनों नामजद के खिलाफ राजद्रोह के आइपीसी 1860 की धारा 12(ए)/123 व यूपीए एक्ट 2012 की धारा 17/18/18 बी और 20 के तहत मामला दर्ज किया गया था. प्राथमिकी में यह भी कहा गया था कि इंडियन मुजाहिद्दीन के सक्रिय सदस्य तहसीन अख्तर व हैदर द्वारा पाकिस्तान स्थित आकाओं से आर्थिक सहयोग लेकर पटना में बम विस्फोट की घटना को अंजाम देकर आतंक मचाने की योजना थी.