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मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की 87 फीसदी योजनाएं अधूरी

– सदन में सरकार ने माना – 14506 स्वीकृत योजनाओं में महज 1895 ही हो सकीं पूर्ण – 1218 करोड़ रुपये में केवल 460.79 करोड़ रुपये ही हो पाये हैं खर्च पटना : योजना एवं विकास मंत्री पीके शाही ने गुरुवार को बिहार विधान परिषद में स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत […]

– सदन में सरकार ने माना

– 14506 स्वीकृत योजनाओं में महज 1895 ही हो सकीं पूर्ण

– 1218 करोड़ रुपये में केवल 460.79 करोड़ रुपये ही हो पाये हैं खर्च

पटना : योजना एवं विकास मंत्री पीके शाही ने गुरुवार को बिहार विधान परिषद में स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विगत तीन वित्तीय वर्षो यानी वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 में 1218 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न जिलों को आवंटित की गयी थी. इनमें से 460.79 करोड़ रुपये की राशि व्यय कर स्वीकृत 14506 योजनाओं में से 1895 योजनाओं को ही पूर्ण कर किया जा सका है.

शेष योजनाओं पर काम चल रहा है. प्रत्येक योजनाओं की मॉनीटरिंग प्रत्येक दो माह पर किया जाता है. कार्यपालक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन को शीघ्र कार्य पूर्ण करने के आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.

भाजपा सदस्य बैद्यनाथ प्रसाद द्वारा उठाये गये इस मुद्दे पर श्री शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इसकी समीक्षा कर रहे हैं. सदस्यों की मांग की थी कि योजना पूर्ण होने या स्वीकृत होने पर संबंधित सदस्यों से भी इसका उद्घाटन और शिलान्यास कराया जाये. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. अभियंत्रण कोषांग में कर्मी की कमी और महालेखाकार कार्यालय के एकाउंटेंट की कमी हैं. अब सरकार ने चार्टर एकाउंटेंट से इन योजनाओं को पूर्ण कराने का काम लेगी. अभियंताओं को कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त कर मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अधूरे कार्यो को पूरा किया जायेगा.

तीन वर्षो में महज 13 फीसदी कार्य पूरा : भाजपा सदस्य मंगल पांडेय ने कहा कि पिछले तीन वर्षो में सरकार ने महज 13 फीसदी कार्यो को ही पूरा कराया है, 87 प्रतिशत कार्य अब भी अधूरे हैं. मंत्री ने कहा कि योजना में जो कमियां हैं, उन्हें दूर करने के लिए लगातार बैठकें हो रही हैं.

हंगामे के बीच रखीं अपने क्षेत्र की समस्याएं

पटना : विधानसभा में शून्य काल के दौरान शोर-शराबे के बीच कुछ विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाया. जगदीशपुर के विधायक दिनेश कुमार सिंह ने राशन कार्ड का मामला व वारसलीगंज के विधायक प्रदीप कुमार समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में मृतक परिवारों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा के साथ निष्पक्ष जांच की मांग की.

काराकाट के विधायक राजेश्वर राज ने छोटकी नहर में जमा अपशिष्ट को हटाने की मांग की. कुटुम्बा के विधायक ललन राम महाराजगंज में एक क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण और हसनपुर के विधायक राज कुमार राय ने रोसड़ा में जजर्र सड़क मरम्मत की मांग की. वहीं नवीनगर के विधायक विरेंद्र कुमार सिंह औरंगाबाद में बथानी नदी पर पुल निर्माण और गौड़ाबौराम के विधायक इजहार अहमद ने 30 पंचायतों को जोड़ने वाले कोनीघाट पुल के ध्वस्त होने का मामला उठाया.

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