पटना: विधानमंडल का मॉनसून सत्र शुक्रवार से आरंभ हो गया. दोनों सदनों में अध्यक्ष व सभापति ने अपने प्रारंभिक संबोधन में सदस्यों से कार्यवाही को शांतिपूर्ण चलाने में सहयोग की अपील की. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सबसे पहले विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के कक्ष में जाकर उनका अभिवादन किया. विधान परिषद में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व विपक्ष के नेता सुशील मोदी ने सभापति अवधेश नारायण सिंह से मिल कर उनका अभिवादन किया. दोनों सदनों में दिवंगत सदस्यों को भी याद किया गया.
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी संसदीय प्रणाली मजबूत हुई है. समाज में विभिन्न विचारधाराओं के लोगों के रहने के बाद भी राष्ट्रीय व राज्यहित के मुद्दों पर आम सहमति बन जाती है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सामाजिक अंतर्विरोधों के बाद भी समन्वय स्थापित करने के लिए एक ऐसी विचारधारा बनाने की आवश्यकता है, जिसका उद्देश्य जाति, पंथ, धार्मिक कट्टरता व विघटनकारी बाधाओं को दूर करना हो. इन मूल्यों को हासिल करने के लिए नीति निर्धारक निकायों में महिलाओं को अधिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना होगा.
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व आर्थिक रूप से विपन्न लोगों के विकास पर अधिक ध्यान देना होगा. संसदीय प्रणाली में शासन का सिर्फ लोक संसाधन के उपयोग पर प्रभावी निगरानी रखने का कार्य ही नहीं है, बल्कि नीतियों को जनता की आवश्यकता के अनुसार समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की भी जिम्मेवारी है. सदन के अंदर सत्तापक्ष के सकारात्मक व विपक्ष की रचनात्मक भूमिका से यह संभव हो सकता है.
उन्होंने बताया कि विधायी व संसदीय प्रक्रिया से छात्र-छात्राओं को अवगत कराने के लिए इस सत्र में भी हर दिन 25 छात्र व 25 छात्राओं को सदन की प्रथम पाली की कार्यवाही देखने का अवसर प्रदान किया जायेगा. अपने संबोधन में उन्होंने मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों में इंसेफ्लाइटिस से सौ से अधिक बच्चों की मृत्यु पर दु:ख प्रकट किया. सदन ने वेबकास्ट सेवा आरंभ की है. साथ ही संसदीय प्रणाली को प्रभावशाली बनाने के लिए विधानसभा सचिवालय ने प्रश्नों की ऑनलाइन सूचना प्रणाली प्रारंभ की है. इससे सदस्यों को प्रश्न देने, प्रश्नों के उत्तर जानने संबंधी सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं. विधानसभा में सत्र का पहला दिन विधानसभा अध्यक्ष अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के आरंभिक संबोधन, अध्यासी सदस्यों के मनोनयन, विभिन्न समितियों के गठन, राज्यपाल द्वारा अनुमोदित विधेयकों के सभा पटल पर रखने और विभिन्न नेताओं के निधन पर शोक प्रकाशन के साथ संपन्न हो गया. अध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान सत्र के दौरान कुल 24 बैठकें होंगी.
2014-15 के वार्षिक आय-व्यय पर सामान्य दो दिनों की चर्चा होगी. विभिन्न विभागों की मांगों पर विमर्श के लिए 14 दिनों का समय निर्धारित किया गया है. राजकीय विधेयक के लिए दो दिन, गैर सरकारी संकल्प के लिए दो दिन, विनियोग विधेयक के लिए दो दिन व प्रथम अनुपूरक विवरणी के लिए एक दिन निर्धारित किया गया है.
छह विधेयक सदन पटल पर रखे गये
विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर विस के प्रभारी सचिव हरे राम मुखिया ने राज्यपाल द्वारा अनुमत विधेयकों को सदन पटल पर रखा. इनमें बिहार विनियोग विधेयक 2014, बिहार विनियोग (लेखानुदान) विधेयक 2014, बिहार अग्निशमन सेवा विधेयक 2014, बिहार राज्य लोक अभिलेख विधेयक 2014, बिहार पुलिस (संशोधन) विधेयक 2014 व बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2014 शामिल हैं.
कार्यमंत्रणा समिति का गठन
मॉनसून सत्र के लिए कार्यमंत्रणा समिति का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष विस के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी होंगे. इसमें मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, अमरेंद्र प्रताप सिंह, श्रवण कुमार, विजय चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव, नंद किशोर राम व अब्दुल बारी सिद्दीकी को सदस्य, जबकि सदानंद सिंह, चंद्रमोहन राय व अवधेश कुमार राय को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.