पटना: पटना जिले में रैयती (निजी)जमीन का ब्योरा तैयार होगा. इसके लिए जमीन मालिक से फॉर्म 2 में जमीन से संबंधित ब्योरा का स्व घोषणा पत्र लिया जायेगा . इस आधार पर खतियान का अपग्रेडेशन होगा. कंप्यूटर पर अपलोड होने के बाद इसे जिले की वेबसाइट पर देखा जा सकता है. पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्र से इसकी शुरुआत होगी. जमीन बिक्री का कारोबार करनेवाले अथवा गलत ढंग से किसी अन्य लोगों की जमीन को अपने नाम पर कराने वालों पर लगाम लगेगा.
2008 से लेकर 2014 तक का होगा अपग्रेडेशन : पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में खतियान सर्वे का काम पूरा हो गया है. 2008 से पहले तक खतियान का अपग्रेडेशन का काम पूरा हो चुका है. 2008 से लेकर 2014 तक के खतियान का अपग्रेडेशन होगा. इसके लिए जमीन मालिक से फॉर्म 2 में जमीन से संबंधित ब्योरा लिया जायेगा. जमीन मालिक को स्व घोषणा पत्र में खाता, खेसरा, रकवा व चौहद्दी के साथ मौजा व थाना नंबर समेत कई जानकारी देनी है. स्व घोषणा पत्र में दिये गये ब्योरा की जांच कर राजस्व कर्मचारी सीओ को सत्यापन प्रमाण पत्र देंगे. जमीन मालिक द्वारा ब्योरा गलत देने की स्थिति में रिपोर्ट तैयार कर मामले का निष्पादन किया जायेगा. इसके लिए अलग-अलग फॉर्म तैयार किया गया है.
चालू खतियान का होगा कंप्यूटरीकरण : जमीन मालिक द्वारा दिये गये खतियान का कंप्यूटरीकरण के बाद शुद्धता की जांच होगी. जांच के बाद जमीन मालिक से आपत्ति ली जायेगी. आपत्ति आने पर उसका निराकरण होगा. खतियान सही होने पर चालू खतियान को जिले की वेबसाइट पर डाला जायेगा.
जमीन की वास्तविक स्थिति की मिलेगी जानकारी : जमीन का कारोबार करनेवाले बिचौलिये अथवा किसी की जमीन का गलत ढंग से अन्य मालिक द्वारा अपने नाम पर दर्ज कराने वाले पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. साथ ही अंचल कर्मचारियों के साथ सांठ-गांठ कर हेर-फेर करनेवाले पर भी अंकुश लगेगा. खतियान का अपग्रेडेशन होने से लोगों को अपनी जमीन के बारे में वास्तविक स्थिति का पता चल पायेगा.