एनआइए की जांच निर्णायक मोड़ पर
पटना : एनआइए की टीम ने रविवार को हैदर को गांधी मैदान इलाके के चप्पे-चप्पे में घुमाया और उससे इस बात की जानकारी ली कि उन लोगों ने कैसे और किन-किन स्थानों पर बम प्लांट किया था. सूत्रों के अनुसार, यह जांच काफी गुप्त तरीके से हुई और इससे पटना पुलिस को दूर रखा गया था.
सूत्रों का कहना है कि एनआइए की टीम हैदर को तमाम उन जगहों पर ले गयी, जहां-जहां बम विस्फोट कर गया था या मिला था, जिसे बाद में निष्क्रिय कर दिया गया था.
छुपा था छिंदवाड़ा में
उधर एनआइए की टीम की पूछताछ में हैदर अली उर्फ अबदुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी ने ही पटना व बोधगया बम ब्लास्ट की साजिश रची थी. पटना में एनआइए की पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि बोधगया में सीरियल ब्लास्ट की घटना को अंजाम देने के बाद वह अपने अन्य साथियों से अलग होकर बोधगया से सीधे मुजफ्फरपुर भाग गया था और वहां से वह पंजाब के छिंदवाड़ा में जाकर छुप गया था. पटना और बोधगया सीरियल ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता हैदर को एनआइए की टीम ने पिछले दिनों झारखंड से अपने तीन अन्य साथियों के साथ अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया था. हालांकि एनआइए ने अभी हैदर अली के खिलाफ कोई चाजर्शीट दायर नहीं किया है.
करायी जा रही वीडियोग्राफी
एनआइए के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हैदर अली व उसके अन्य तीन आतंकी साथियों मुजीबुल्लाह, नुमान और तौफिक से न केवल एनआइए, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों की एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) की टीमें लगातार पूछताछ कर रही हैं. इस पूछताछ में सामने आ रहे तथ्यों को कलमबंद करने के साथ उसकी वीडियोग्राफी भी करायी जा रही. सूत्रों ने बताया कि एनआइए के समक्ष हैदर ने स्वीकार किया है कि बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर को निशाना बनाने की साजिश उसने अपने अन्य आतंकी साथियों के साथ मिल कर रची थी. बोधगया में सीरियल ब्लास्ट की घटना को अंजाम देने के बाद वह मुजफ्फरपुर में वह सिमी के ही एक सदस्य के ठिकाने पर रहा.
हालांकि एनआइए ने सिमी के उस सदस्य का नाम अभी नहीं खोला है. उस सदस्य ने हैदर को मुजफ्फरपुर में एक लैपटॉप और 25 हजार रुपये दिये थे. हैदर लैपटॉप और 25 हजार रुपये के साथ मुजफ्फरपुर से सीधे पंजाब के लिए रवाना हो गया और वह छिंदवाड़ा पहुंच गया. छिंदवाड़ा में वह अपने एक शागिर्द के कमरे में रुका था. एनआइए की टीम ने हैदर के उस शागिर्द का भी पूरा पता लगा चुकी है और बहुत जल्द ही उसे भी अपने शिकंजे में कसने की तैयारी कर रही है.