पटना: कालेधन को वैध बनाने वालों के खिलाफ कारगर तरीके से कार्रवाई करने के लिए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार के मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) 2002 के तर्ज पर राज्य में भी कानून बनाने जाने के काम प्रारंभ कर दिया है.
पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि बिहार सरकार के इस प्रयास को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सहमति हासिल है और ऐसी संभावना है कि इस संबंध में एक विधेयक बिहार विधानसभा के अगले सत्र या उसके बाद लाया जा सकता है.सूत्रों ने बताया कि उक्त विधेयक अगर तुरंत नहीं लाया जा सकता तो इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा एक अध्यादेश जारी किया जा सकता है. बिहार पुलिस इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य के मुख्यसचिव अशोक कुमार सिन्हा को भेज चुकी है. इस विधेयक के पारित हो जाने पर बिहार देश का पहला ऐसा राज्य होगा जिसने कालेधन को वैध बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पीएमएलए के तर्ज पर अपना कोई कानून बनाया हो.
बिहार के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने बताया कि पीएमएलए के तहत विचार किए जाने वाले अपराध केंद्रीय कानून से जुडे हैं और उसके दायरे में आने वाले 125 तरह के अपराध पर ही पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जा सकती है.उन्होंने बताया कि आयकर, उत्पाद, खनन और अन्य राजस्व हासिल करने वाले क्षेत्र पीएमएलए के तहत नहीं आ पाते हैं जिससे बिहार के हाथ बंध जाते हैं. पांच करोड रुपये तक के कालेधन को जब्त किए जाने के लिए पीएमएलए के तहत कानून बनाने के बिहार सरकार द्वारा किए गए दो प्रयास विफल रहे हैं जिसके बाद नए सिरे से यह विधेयक लाया जा रहा है.
हाल में पटना स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय द्वारा बिहार के पूर्व मंत्री और बसपा नेता ददन सिंह उर्फ ददन पहलवान के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.बिहार विधानसभा में गत 23 मई को विश्वास मत हासिल करने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बताया था पीएमएलए के तहत आपराधिक कृत्य के जरिए धानार्जन करने वाले 35 अपराधियों की अवैध संपत्ति को जब्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को प्रस्ताव भेजा गया है और ऐसे दो मामलों में कुल 1.92 करोड रपये की संपत्ति को जब्त किया जा सका है.