पटना : पाटलिपुत्र सीट से दिग्गजों के खिलाफ चुनावी रण में पदार्पण कर रही मीसा भारती को अपने पिता और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के वोट बैंक के अलावा अपने पति के प्रबंधन कौशल के बूते जीत का यकीन है.चारा घोटाले में अभियुक्त होने के कारण चुनाव लडने से अयोग्य करार दिये जाने के बाद लालू ने पाटलिपुत्र सीट से अपनी बेटी को उतारा है जिसका सामना टिकट नहीं मिलने से खफा होकर भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल यादव और 2009 आम चुनाव में लालू को हराने वाले जदयू के रंजन प्रसाद यादव से है. कम्प्यूटर इंजीनियर और एमबीए होने के कारण मीसा के पति शैलेष उनके चुनाव अभियान को तकनीकी सहयोग दे रहे हैं.
मीसा ने कहा कि शैलेष का अनुभव उनके बहुत काम आ रहा है. उन्होंने कहा ,‘‘ निश्चित तौर पर उनका अनुभव काम आ रहा है. हम प्रचार प्रसार के नये तरीके अपना रहे हैं. हमने अधिक नियोजित ढंग से चुनाव प्रचार किया है.’’ यह पूछने पर कि क्या उनका चुनाव उनके पिता के लिये ‘प्रतिष्ठा का प्रश्न’ बन गया है, उन्होंने ना में जवाब दिया. उन्होंने कहा ,‘‘ ऐसा नहीं है. यह उनकी (लालू) सीट है जिस पर वह 2009 में हारे थे. उनके लिये बिहार की सभी 40 सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न है जिसमें पाटलिपुत्र शामिल है. वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है और चूंकि मैं उनकी बेटी हूं तो उनका फर्ज भी है कि मेरी मदद करें.’’ लालू और उनकी पत्नी राबडी देवी के चुनाव अभियानों में हमेशा सक्रिय रही मीसा ने स्वीकार किया कि खुद के लिये वोट मांगना अलग है.
उन्होंने कहा ,‘‘ यह अलग अनुभव है. आपको अपने लिये वोट मांगते समय लोगों को आश्वस्त करना पडा है. उनके बीच अधिक समय बिताना होता है ताकि वे आपको समझ सकें.’’ पार्टी छोडने वाले रामकृपाल यादव से संबंध के बारे में पूछने पर मीसा ने कहा कि वह हमेशा उसके लिये ‘चाचा’ रहेंगे. उन्होंने कहा ,‘‘ मैने कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. वह मेरे चाचा थे और रहेंगे. व्यक्तिगत रिश्ते अपनी जगह रहेंगे और राजनीतिक लडाई अपनी जगह.’’उनके पति के लिये यह चुनाव एक नये उत्पाद या ब्रांड को लांच करने जैसा है और वह इसके लिये अपने पूरे कारपोरेट अनुभव का इस्तेमाल कर रहे हैं.
उन्होंने कहा ,‘‘ मीसा अच्छी नेता है और मैं अच्छा प्रबंधक हूं लिहाजा यह तालमेल कामयाब होगा. उसके पास नाम, करिश्मा और लोगों से मिलने की ललक है और उन्हें वोट में बदलना मेरा काम है.’’ आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस के लिये काम कर चुके शैलेष ने कहा ,‘‘ मैं बडी कंपनियों के साथ काम कर चुका हूं और नियोजन तथा प्रबंधन का मेरा अनुभव काम आ रहा है. यह 30 दिन के भीतर नया ब्रांड खडा करने जैसा है. मुङो लगा कि पारंपरिक तरीका काम नहीं आयेगा लिहाजा मैने मास्टर प्लान बनाकर पाटलिपुत्र सीट के भौगोलिक, जनसांख्यिकीय और सांख्यिकीय आंकडों का विश्लेषण किया.’’