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औरंगाबाद : भय व बंदूक के साये में वोटिंग आज

आज सुबह सात बजे से मतदान – औरंगाबाद में लोस चुनाव : शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए इवीएम लेकर मतदानकर्मी रवाना – शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए बूथों पर दंडाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती – 100 मतदान केंद्रों पर लगे वेब कास्टिंग कैमरे – सभी अस्पतालों को खुला व इमरजेंसी दवाएं रखने का निर्देश […]

आज सुबह सात बजे से मतदान

– औरंगाबाद में लोस चुनाव : शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए इवीएम लेकर मतदानकर्मी रवाना

– शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए बूथों पर दंडाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती

– 100 मतदान केंद्रों पर लगे वेब कास्टिंग कैमरे

– सभी अस्पतालों को खुला व इमरजेंसी दवाएं रखने का निर्देश

औरंगाबाद (नगर) : 10 अप्रैल यानी कि गुरुवार को जिले के 1394 भवन में 1654 मतदान केंद्रों पर लोकसभा चुनाव सुबह सात बजे से होगा. जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. सभी मतदान केंद्रों पर मतदान कराने के लिए कर्मी व पुलिस कर्मी जिला मुख्यालय से सामान लेकर बुधवार को रवाना हो गये. इससे संबंधित जानकारी देते हुए जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि औरंगाबाद में चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष व भयमुक्त संपन्न कराया जायेगा.

इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए बूथों पर दंडाधिकारियों को पुलिस पदाधिकारी के साथ तैनात किया गया है. इसके अलावे 493 पेट्रोलिंग पार्टी बनाये गये हैं, जो मतदान केंद्रों का लगातार जायजा लेंगे. इनके अलावे 168 सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है, जो पुलिस पदाधिकारी व जवान के साथ निरीक्षण करेंगे और मतदान के दौरान होने वाले गड़बड़ियों पर नजर रखेंगे. थाना स्तर पर जोन बनाये गये हैं. जिले में कुल 19 जोन बनाये गये हैं.

इसमें दंडाधिकारी के साथ थानाध्यक्ष क्षेत्र में भ्रमणशील रहेंगे. क्षेत्र से सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करेंगे. इसके अलावे छह सुपर जोन भी बनाये गये हैं. इनमें वरीय उपसमाहर्ता व इंस्पेक्टर से ऊपर रैंक के पदाधिकारी रहेंगे. सभी जिले के विभिन्न इलाकों के मतदान केंद्रों का जायजा लेते रहेंगे, ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराया जा सके. डीएम ने बताया कि 402 भवनों के मतदान केंद्रों पर माइक्रो ऑब्जर्वर तैनात रहेंगे. 353 मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी की व्यवस्था की गयी है.

111 मतदान केंद्रों पर डिजिटल कैमरा लगाये गये हैं. 100 मतदान केंद्रों पर वेब कास्टिंग कैमरे लगाये गये हैं. ताकि लोग हो रहे मतदान को कहीं से भी देख सकें. हर थाना में एंटी दंगा निरोधक वाहन की व्यवस्था रहेगी. इससे चिता, सीआइटी सीआरपीएफ, जिला पुलिस के जवान क्षेत्र में भ्रमण करेंगे. गरमी के मौसम में होने वाले चुनाव को देखते हुए सभी मतदान कर्मियों को समुचित दवा उपलब्ध करायी गयी है. यही नहीं सभी अस्पताल को खुला रखने व पर्याप्त मात्र में जरूरतमंद इमरजेंसी दवाएं के साथ चिकित्सकों को तैनात रहने का निर्देश दिया गया है.

चार बजे तक ही पड़ेंगे वोट

जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि औरंगाबाद व ओबरा विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7 बजे से संध्या 6 बजे तक मतदान होगा. जबकि, कुटुंबा, रफीगंज, गुरुआ, इमामगंज, टिकारी, गोह, नवीनगर विधानसभा में सुबह सात बजे से संध्या चार बजे तक मतदाता अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

13 प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में

लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र से कुल 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें कांग्रेस से निखिल कुमार, भाजपा से सुशील कुमार सिंह, जदयू से बागी कुमार वर्मा, बसपा से संतोष कुमार, बहुजन मुक्ति पार्टी से उपेंद्र नाथ, शोषित समाज दल से उषा शरण, सपा से रीता देवी, आम आदमी पार्टी से रागिनी लता सिंह के अलावे दुर्गा ठाकुर, राकेश शर्मा, रामजी सिंह, विजित कुमार व सोमारू पासवान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है. इनके भाग्य का फैसला गुरुवार को जिले के 15 लाख 50 हजार 514 मतदाता तय कर इवीएम मशीन में कैद करेंगे.

इन दस्तावेजों पर भी कर सकते हैं मतदान

डीएम ने कहा कि जिन मतदाताओं के पास मतदाता पहचान पत्र नहीं है. उनके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने वैकल्पिक दस्तावेज की व्यवस्था की है. ताकि मतदान के दिन मताधिकार का प्रयोग जरूरत कर सकें. डीएम ने बताया कि मतदाता पहचान पत्र के अलावे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य/केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/ पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किये गये फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंको/ डाक घरों द्वारा जारी किये गये फोटो युक्त पासबुक, आय कर पहचान पत्र(पैन कार्ड), आधार कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज व निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक फोटो मतदाता परची पर वोट कर सकते हैं.

जमीन से लेकर आसमानतक होगी कड़ी सुरक्षा

गुरुवार हो होने वाले लोकसभा चुनाव व नक्सली गतिविधि को देखते हुए जिला प्रशासन काफी सतर्क है. चुनाव के दौरान नक्सली, अपराधी कोई घटना को अंजाम न दे सके. इसके लिए जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है. एसपी ने बताया कि एक हेलीकॉप्टर से सेना के जवान चुनाव का जायजा लेंगे.

‘नक्सलियों के मंसूबे नहीं होंगे सफल’

अंबा (औरंगाबाद) : एरका सिंचाई कॉलोनी अंबा स्थित सीआरपीएफ कैंप में एक शोकसभा का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता द्वितीय कमान अधिकारी अनिल कुमार ने की. उन्होंने डिप्टी कमांडेंट इंद्रजीत सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्र की सेवा के लिए वे सदैव तत्पर रहते थे. अपने कार्यकाल में वे कई प्रधानमंत्री के सुरक्षा गार्ड में भी रहे.

सोमवार को ढ़िबरा थाना क्षेत्र के बरंडा मोड़ पर बम विस्फोट की घटना में वे शहीद हो गये.उन्होंने कहा कि नक्सली छूप कर वार करती है और हर वक्त राष्ट्र को संकट में डालना चाहती है. नक्सलियों के मंसूबे को हम कभी सफल नहीं होने देंगे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कई जवानों ने भी उनके कार्यकाल पर प्रकाश डाला. कहा कि वे मनेर के रहने वाले थे. छुट्टी लेकर बच्चे को नामांकन कराने के लिए पटना गये थे. वहां से लौट कर सोमवार को ही कैंप पर पहुंचे थे.

उन्हें पहुंचने के बाद जैसे ही सूचना मिली वे बिना खाये पीए तुरंत घटनास्थल पर चले गये थे. घटना से सभी सैनिक मर्माहत दिखे. सरकार की विधि व्यवस्था पर चिंता जतायी. शोकसभा में दो मिनट का मौन रख कर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गयी. संवेदना व्यक्त करनेवालों में सीआरपीएफ 153 के इंस्पेक्टर राहुल कुमार रघुवंश, मेजर विनय कुमार, मेजर हरिचंद्र निराला समेत अन्य सैनिक उपस्थित थे. सैनिकों ने उनके परिजनों को दुख की घड़ी में धैर्य से काम लेने को कहा है. विदित हो कि इस कैंप के दो अन्य जवान भी घायल है. दिलीप कुमार का इलाज रांची के अपोलो हॉस्पिटल में व तारसेन सिंह का इलाज पटना के पारस हॉस्पिटल में जारी है.

पुलिस डाल-डाल, तो नक्सली पात-पात

नक्सलियों के निशाने पर औरंगाबाद की पुलिस!

नक्सलियों के बिछाये जाल में दिनभर दौड़ती रही पुलिस

औरंगाबाद कार्यालय : लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा नक्सली संगठनों ने कर रखी है. पुलिस प्रशासन नक्सलियों के मंसूबे को विफल करने के लिए हर कोशिश कर रही है. लेकिन पुलिस डाल-डाल तो नक्सली पात-पात चल रही है.

सच यह भी है कि नक्सलियों के मुख्य निशाने पर औरंगाबाद की पुलिस ही है? इन्हें निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने खूब जाल भी बिछा रखे हैं. तीन दिनों से नक्सलियों द्वारा लगाये गये शक्तिशाली बम मिल रहे हैं. पहला दिन तो नक्सलियों को सफलता भी पुलिस की नाकामी से मिल गयी. लेकिन अब पुलिस भी हर कदम फूंक-फूंक कर चल रही है. मंगलवार को दो बम बरंडा मोड़ के पास डिफ्यूज किये गये थे. बुधवार को एरौरा मोड़ व भटकुर मध्य विद्यालय मतदान केंद्र के समीप पांच बम डिफ्यूज किये गये. एक बम नकली निकला, लेकिन पूरे दिन पुलिस परेशान रही. कभी तार तो कहीं बम होने की सूचना पुलिस को मिलती रही. सूचना के आधार पर पुलिस दौड़ लगाती रही. यह खेल पूरे दिन बुधवार को जारी रहा.

दहशत में हैं मतदाता

नक्सलग्रस्त देव व ढिबरा थाना क्षेत्रों में नक्सलियों द्वारा लगाये जा रहे बम से मतदाताओं में दहशत है. अब मतदाताओं का साहस भी टूटता हुआ दिखायी दे रहा है. बुधवार को एरौरा मोड़ के समीप जब पुलिस बम को निष्क्रिय कर रही थी तो वहां पर आसपास के गांवों के कई लोग पहुंचे. इन लोगों ने अपना नाम न छापने के शर्त पर बताया कि मतदान करने का साहस हमलोग के भीतर नहीं है. वैसे पुलिस प्रयास कर रही है कि निर्भिक होकर मतदान करें. लेकिन यह प्रयास कितना सार्थक होगा यह तो गुरुवार की सुबह ही दिखाई देगा, जब मतदान शुरू होगा.

नक्सली मुखबिर हिरासत में

पुलिस ने नक्सलियों के मुखबिरी करनेवाला रामचंद्र यादव को हिरासत में लिया है. इससे पूछताछ भी की जा रही है. जानकारी के अनुसार, जब एरौरा मोड़ के समीप बम निरोधक दस्ता द्वारा जमीन में लगाये गये बमों को डिफ्यूज किया जा रहा था, तो रामचंद्र यादव वहां आया था. बड़े ही सरसरी निगाहों से बम को निष्क्रिय करते देखा. जब बम विस्फोट कर निष्क्रिय कर दिया गया तो रामचंद्र यादव जंगल की तरफ चल पड़ा. पुलिस ने भांप लिया और रामचंद्र यादव को दबोच कर हिरासत में ले लिया. पता चला है कि रामचंद्र यादव नक्सलियों का मुखबिरी का काम करता था. बम को डिफ्यूज होने की जानकारी नक्सलियों को देने जा रहा था. जैसा कि सीआरपीएफ के कमांडेंट परम शिवम का कहना है.

भय व बंदूक के साये में वोट

गोपाल प्रसाद सिंह

औरंगाबाद : एक तरफ नक्सलियों द्वारा मतदान का बहिष्कार करने के फरमान से दहशत भरा भय तो दूसरी तरफ सुरक्षा बलों के कंधे में बंदूक लटके हैं और बीच में है साढ़े 15 लाख वोटर, जिन्हें करनी है औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र के 13 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला. हालांकि यहां का चुनाव में पहले भी नक्सलियों का फरमान जारी होता रहा है. लेकिन इस बार तो फरमान ही नहीं कार्रवाई भी नक्सली कर रहे हैं. तीन दिन के भीतर दो जगहों पर बारूदी सुरंग में बिछाये गये 10 बम बरामद हो चुके है.

एक बम निष्क्रिय करने की भूल में सीआरपीएफ डिप्टी कमांडेंट सहित तीन शहीद हो चुके है. आठ लोग जख्मी है. उधर, भटकुर मतदान केंद्र के समीप भी दो बम बरामद हुआ है. यानी कि मतदान केंद्र पर भी नक्सली कार्रवाई कर रहे हैं. इस परिस्थिति में अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के मतदाता क्या निर्णय लेते हैं यह तो गुरुवार की सुबह ही देखने को मिलेगा.लेकिन अभी तक जो स्थिति है उससे तो यही आभास हो रहा है कि लोग अपनी जान की तरजीह दे रहे हैं. मतदान करने का साहस बहुत ही कम लोग उठा पायेंगे? प्रशासन द्वारा अति नक्सल प्रभावित इलाकों में प्रत्येक मतदान केंद्रों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गयी है. डीएम व एसपी ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार तो नक्सल ग्रस्त इलाकों के सभी मतदान केंद्रों पर पारा मिलिट्री लगाये जा रहे है. अब पारा मिलिट्री मतदाताओं को कितना हद तक मतदान केंद्र पर पहुंचने के लिए विश्वास जगा पाते हैं या नहीं यह तो..

भगवान का नाम लेकर रवाना हुए मतदानकर्मी

– वापस लौटेंगे या नहीं, फोटो छाप दीजिएगा सर

औरंगाबाद (कोर्ट) : अहां, फोटो ले लिये, अच्छा है. वापस लौटेंगे कि नहीं, पता नहीं. लेकिन, फोटो छाप दीजिएगा सर. कुछ ऐसा ही वाक्य सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में बुधवार को ड्यूटी के लिए कमान कटने के बाद अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना होते हुए मतदानकर्मियों से सुनने को मिली. यहां से गुरुवार को होनेवाले चुनाव के लिए पैट्रोलिंग पार्टियों को इवीएम मशीन देकर रवाना किया जा रहा था. जिले में 493 पैट्रोलिंग पार्टियां बनायी गयी है. हर पैट्रोलिंग पार्टी को तीन से चार मतदान केंद्रों की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.

हालांकि, इस तरह की बातें सिर्फ एक ही जगह सुनने को नहीं मिलीं, बल्कि सभी जगहों पर सुनने को मिलीं. गेट स्कूल व पुलिस लाइन आदि जगहों से भी मतदानकर्मियों को बूथों पर भेजे गये हैं. अंतर सिर्फ इतना था कि ये बातें कहते वक्त किसी के चेहरे पर जिले में हो रही लगातार घटनाओं का भय दिख रहा था, तो कोई मजाक भरे लहजे में इसे व्यक्त कर रहा था. लेकिन, पिछले चार दिनों से बम विस्फोट व कई बमों के मिलने की खबर ने सबको जरूर डरा दिया है.

ऐसी स्थिति में मतदानकर्मियों को अब सिर्फ भगवान पर ही भरोसा रह गया है. यही, वजह है कि मतदान केंद्रों पर रवाना होने से पहले अधिकतर मतदानकर्मी भगवान का नाम ले रहे थे. गौरतलब है कि मंगलवार को ढिबरा थाना क्षेत्र के बरंडा मोड़ के समीप सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाने के लिए लगाया गया बम डिफ्यूज करते वक्त विस्फोट हो गया था, जिसमें तीन जवान शहीद होने के साथ-साथ ढिबरा थानाध्यक्ष सहित आठ जवान घायल हो गये थे.

इसके बाद भी इसी जगह पर दो शक्तिशाली बम भी बरामद किये गये थे, जिसे बुधवार को विस्फोट करा कर डिफ्यूज किया गया. हालांकि, इसके बाद भी पुलिस को यह आशंका थी कि कई अन्य जगहों पर भी बम लगे हो सकते हैं और उनका शक भी सही निकला. जांच के क्रम में बुधवार को एक बार फिर छह बम पुलिस को मिले, जिसकी खबर फैलते ही जिले में दहशत फैल गया. बाद में इन बमों को भी ब्लास्ट करते हुए डिफ्यूज किया गया. पर, लगातार हो रही इस तरह की घटना से जिले में हड़कंप मचने के साथ मतदानकर्मियों में भी भय है.

कार्यकर्ता चुनाव के पहले हुए नाखुश

हसपुरा (औरंगाबाद) : काराकाट संसदीय क्षेत्र में विभिन्न दलों सहित निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने कार्यकर्ताओं से ही चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. चुनाव प्रचार थमने के बाद कार्यकर्ता कहीं प्रत्याशी के नहीं पहुंचने व कहीं मन मुताबिक पोलिंग एजेंट नहीं बनाने को लेकर नाखुश हो गये हैं. प्रत्याशियों को अपने कार्यकर्ताओं से खरी खोटी भी सुनना पड़ रहा है.

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