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शरारत की सजा मिली पैरों में जंजीर

सूर्यगढ़ा : एक आवासीय विद्यालय में 15 वर्षीय किशोर के पैर में जंजीर व उसमें ताला लगा कर अमानवीय रखा जाता था. स्कूल प्रबंधन ने इसकी वजह बच्चे की शरारत बतायी है. यह भी कहा कि उसकी दादी की गुजारिश पर ही ऐसा किया गया है. जानकारी के मुताबिक, किशोर कुमार समीपवर्ती बेगूसराय जिले के […]

सूर्यगढ़ा : एक आवासीय विद्यालय में 15 वर्षीय किशोर के पैर में जंजीर व उसमें ताला लगा कर अमानवीय रखा जाता था. स्कूल प्रबंधन ने इसकी वजह बच्चे की शरारत बतायी है. यह भी कहा कि उसकी दादी की गुजारिश पर ही ऐसा किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, किशोर कुमार समीपवर्ती बेगूसराय जिले के सोनबरसा दियारा का रहने वाला है. उसके पिता प्रवीण सिंह की मौत हो चुकी है. किशोर का उसके परिजनों ने सूर्यगढ़ा स्थित एक प्राइवेट आवासीय विद्यालय में दाखिला करा दिया था. लेकिन वह वहां रहना नहीं चाहता था. वहां से भागने की कोशिश भी करता.

शरारत से तंग आकर विद्यालय प्रबंधन ने उसके पैर में जंजीर लगा कर ताला जड़ दिया. सोमवार की देर रात किशोर जंजीर समेत विद्यालय से भाग निकला. अपने गांव सोनबरसा के नजदीक पहुंचा. वहां से एक ट्रैक्टर पर चढ़कर पुन: सूर्यगढ़ा चला गया. देर रात जकड़पुरा पंचायत के पूर्व सरपंच परमानंद सिंह ने जंजीर से बंधे किशोर को सड़क पर भटकते देखा. सूर्यगढ़ा पुलिस को मामले की जानकारी दी.

दादी ने की थी मिन्नत

छात्रवास अधीक्षक किरण देवी ने बताया कि बच्च काफी शरारती है. उसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. मां भी छोड़ कर चली गयी. घर में सिर्फ दादी है, जिनके साथ वह रहता था. बच्च गांव में शरारत करता था. दादी स्कूल आयी. काफी आरजू-मिन्नत के बाद बच्चे को स्कूल प्रबंधन ने रख लिया. इस बीच कई बार बच्च स्कूल से भाग चुका था. हर बार दादी स्कूल लेकर आती थी. दादी ने कहा कि बच्च रात में भागता है. इसलिए उन्हीं ने जंजीर खरीद कर दी. और कहा कि दिन में पढ़ाई के बाद इसे जंजीर लगा दीजिये, ताकि भागे नहीं. रामनवमी की वजह से प्रबंधन तैयारी में व्यस्त था. सूर्यगढ़ा पुलिस भी सूचना पर पहुंची थी. उसकी दादी भी थाने पर पहुंची और उन्होंने भी आरजू-मिन्नत की.

कहते हैं थानाध्यक्ष

सूर्यगढ़ा थानाध्यक्ष विजय कुमार रमण ने कहा कि थाना में जब बच्च पहुंचा तो जंजीर नहीं लगा हुआ था. बच्चे को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है.

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