पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर अब अपने असली रंग में आ जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने उससे अलग होने का जो निर्णय लिया था वह उसके चुनावी घोषणा पत्र जारी होने के बाद और पुष्ट होता है तथा उसके घोषणा पत्र में कुछ भी नहीं बल्कि वह संप्रदायिक ध्रुवीकरण का एजेंडा तथा आवारा पूंजीवाद को बढाने वाला दस्तावेज है.
पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पुराने विवादित मुद्दे :राम मंदिर, धारा 370 को संविधान से हटाने और समान आचार संहिता: जो कि राजग के गठन के पूर्व 1998 में ही दरकिनार कर दिए गए थे, उसे भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के जरिए फोकस में लाने और समाज में संप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गौ हत्या और तुष्टीकरण की बात की है लेकिन विकास, मंहगाई, भ्रष्टाचार एवं बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं है कि ठोस कदम क्या होंगे. नीतीश ने कहा कि मंहगाई के लिए जिम्मेवार पेट्रोलियम पदार्थ की कीमत नियंत्रित व्यवस्था के तहत होंगे इसको लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से प्राकृतिक गैस 4.20 प्रति डालर या 8.40 प्रति डालर पर खरीदने के पक्ष में इसको भी लेकर भाजपा चुप है.