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हरित चादर योजना को आयोग की अनुमति

पटना: खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए राज्य में इस साल छह लाख एकड़ में मूंग और ढैंचा की खेती होगी. कृषि विभाग की इस योजना को चुनाव आयोग ने हरी झंडी दे दी है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ढैंचा और मूंग की खेती के लिए अप्रैल माह ही उपयुक्त समय […]

पटना: खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए राज्य में इस साल छह लाख एकड़ में मूंग और ढैंचा की खेती होगी. कृषि विभाग की इस योजना को चुनाव आयोग ने हरी झंडी दे दी है.

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ढैंचा और मूंग की खेती के लिए अप्रैल माह ही उपयुक्त समय होता है. आयोग ने विभाग के इसी तर्क को स्वीकार करते हुए योजना को शुरू करने की अनुमति दी. विभागीय अधिकारी ने बताया कि रासायनिक खाद की उपयोग को कम करने के लिए इस तरह की हरित खाद को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू की है. विभागीय कृषि वैज्ञानिक अनिल झा ने बताया कि इस साल राज्य में लगभग साढ़े चार लाख एकड़ में ढैंचा की खेती का लक्ष्य निर्धारित है. इसके लिए किसानों को बीज की खरीद पर 90 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा.

उन्होंने बताया कि ढैंचा 40 से 50 दिन के अंदर तैयार हो जाता है. इस अवधि में किसान इसे खेत में ही जुताई कर देता है. इससे खेत की उपज क्षमता काफी बढ़ जाती है. किसानों को रासायनिक खाद की कम जरूरत पड़ती है. झा ने बताया कि इसी योजना के तहत डेढ़ लाख एकड़ में मूंग की खेती होगी. मूंग के बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह 60 से 70 दिन में तैयार होता है. एक बार मूंग तोड़ लेने के बाद किसान इसे जमीन में जुताई कर देंगे.

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