पटना: बक्सर लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे पूर्व सांसद लालमुनी चौबे ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं यहां तक कि नरेंद्र मोदी के फोन कॉल तथा मान-मनव्वल को दरकिनार करते हुए बक्सर लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर आज नामांकन दाखिल कर दिया.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के करीबी रहे लालमुनी चौबे ने गत 23 मार्च को कहा था कि पार्टी के भीतर वरिष्ठ नेताओं को नजर अंदाज और अपमानित किए जाने तथा लोकसभा का टिकट बांटने में मापदंड के अभाव ने उन्हें ठेस पहुंचायी है. भाजपा ने इस बार लालमुनी चौबे को उम्मीदवार नहीं बनाकर उनकी जगह बक्सर से बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे को उम्मीदवार बनाया है, जो भागलपुर जिला से विधायक हैं.
चार बार लोकसभा सदस्य रहे चौबे ने गत 24 मार्च को कहा था कि भाजपा आज गुलामों की पार्टी बनकर रह गयी है और वे बक्सर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडेंगे.चौबे के करीबी सूत्रों ने बताया कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने उन्हे कल रात्रि व्यक्तिगत तौर पर फोनकर उनसे करीब दस मिनट बात की तथा पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ नहीं खडे होने का अनुरोध किया था.बक्सर से आज निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने के बाद चौबे ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वे पुरानी भाजपा का प्रतिनिधित्व करते हैं और नई एवं नकली भाजपा की हार को सुनिश्चित करेंगे.
लालमुनी चौबे बक्सर लोकसभा सीट से पहली बार 1996 में सांसद चुने गए थे और वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार जगदानंद सिंह के हाथों दो हजार मतों से पराजित हो गए थे.