नयी दिल्ली : भारतीय रेफरियों को तकनीकी रुप से अच्छा बताते हुए फीफा के दक्षिण-पूर्व एशिया के रेफरी विकास अधिकारी फरखद अब्दुल्ला ने आज कहा कि उच्च मानकों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए उन्हें साहसी बनने की जरुरत है.
अब्दुल्ला ने कहा भारतीय रेफरी तकनीकी रुप से बहुत अच्छे हैं लेकिन कुशल रेफरियों से तुलना करें तो वे थोडे कमतर हैं. हालांकि, विश्व में रेफरिंग के मानदंड काफी उच्चे हो चुके है और अगर भारतीय रेफरियों को उनसे बराबरी करनी है तो उन्हें साहसी बनने की जरुरत है. फीफा के अधिकारी ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आयोजित फीफा एमए सहायक रेफरी कोर्स से इतर बातचीत में यह बात कही.
उन्होंने कहा रेफरियों के सुधार की गति धीमी है लेकिन इस तरह के कोर्स से भविष्य में इसमें तेजी आयेगी. भारत एकमात्र अपवाद है जहां फीफा रेफरियों, सहायक रेफरियों और महिला रेफरियों के लिए कोर्स संचालित कर रहा है. इस कोर्स में 35 सहायक रेफरियों ने हिस्सा लिया. अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय रेफरियों का भविष्य अच्छा है.
उन्होंने कहा एआईएफएफ द्वारा उठाये गये कई कदमों के कारण भारतीय रेफरियों का भविष्य अच्छा दिख रहा है. निश्चित समय में परिणाम आयेगा और अब तक बहुत अच्छी प्रगति हुई है. आने वाले समय में हमें भारत से अधिक एलिट रेफरियों की जरुरत होगा. सुझाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा आपको खेल को दिल से प्यार करने की जरुरत है. खेल को लाइव देखने और समझने की जरुरत है.