नयी दिल्ली : बेल्जियम में होने वाले विश्व हॉकी लीग सेमीफाइनल की तैयारियों में जुटी भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ने मैदान के भीतर और बाहर खिलाडियों के आपसी तालमेल को कामयाबी की कुंजी करार देते हुए कहा कि एक ईकाई के रुप में टीम सर्वश्रेष्ठ फार्म में है. विश्व हॉकी लीग का […]
नयी दिल्ली : बेल्जियम में होने वाले विश्व हॉकी लीग सेमीफाइनल की तैयारियों में जुटी भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ने मैदान के भीतर और बाहर खिलाडियों के आपसी तालमेल को कामयाबी की कुंजी करार देते हुए कहा कि एक ईकाई के रुप में टीम सर्वश्रेष्ठ फार्म में है.
विश्व हॉकी लीग का सेमीफाइनल बेल्जियम के एंटवर्प में 20 जून से पांच जुलाई के बीच खेला जायेगा. इसमें भारत पूल ए में ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, पोलैंड और फ्रांस के साथ है जबकि पूल बी में बेल्जियम , ब्रिटेन, मलेशिया, आयरलैंड और चीन है.भारत को 20 जून को पहले मैच में फ्रांस से खेलना है.
कमोबेश कठिन ग्रुप के बारे में पूछने पर सरदार ने कहा, आधुनिक हॉकी में किसी टीम के बारे में कोई कयास नहीं लगाया जा सकता. कोई भी टीम किसी भी दिन जीत सकती है लिहाजा हम हर मैच को संजीदगी से लेंगे. टीम की ताकत के बारे में पूछने पर 216 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके इस अनुभवी मिडफील्डर ने कहा कि एक ईकाई के रुप में इस समय भारतीय टीम सर्वश्रेष्ठ फार्म में है.
उन्होंने कहा, मैदान के भीतर और बाहर खिलाडियों का आपसी तालमेल बेहतरीन है जो टीम खेल के लिये सबसे जरुरी है. सीनियर और जूनियर मिलकर एक ईकाई के रुप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं और यही हमारी कामयाबी का सबब बनेगा.नये डच कोच पाल वान ऐस की रणनीति पिछले ऑस्ट्रेलियाई कोच टैरी वाल्श से एकदम जुदा है लेकिन सरदार ने कहा कि कोच और खिलाडियों ने एक दूसरे को बखूबी समझ लिया है. उन्होंने कहा, नये कोच की शैली एकदम अलग है लेकिन उनका टीम पर सकारात्मक प्रभाव है. वे खिलाडियों से अलग अलग और पूरी टीम की साथ में खूब बैठकें करते हैं और सभी को उनकी कमजोरियों के बारे में बताते हैं. उनका वीडियो विश्लेषण पर भी जोर है.
उन्होंने कहा, पाल से कोई भी खिलाड़ी खुलकर बात कर सकता है. वे अच्छे प्रदर्शन के लिये दबाव नहीं बनाते बल्कि कई बार खराब खेलने पर भी हौसलाअफजाई करते हैं. उनका जोर सिर्फ इस पर रहता है कि गेंद पास होने पर कोई मूव बनाया जाये, उसे बेकार ना किया जाये.
दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच अभ्यास के बाद एंटवर्प में ठंडे तापमान में खेलने में कितनी दिक्कत आयेगी, यह पूछने पर सरदार ने कहा कि टीम टूर्नामेंट से काफी दिन पहले जा रही है जिससे अनुकूलन में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, हम आठ जून को ही रवाना हो रहे हैं और अनुकूलन के लिये हमारे पास काफी समय होगा. इसके अलावा हमें चार अभ्यास मैच भी खेलने है जिससे मदद मिलेगी.
अनुभवी ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह को बाहर किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि रियो ओलंपिक 2016 से पहले सभी खिलाडियों को आजमाने की कवायद का यह हिस्सा है. उन्होंने कहा, कोच नये खिलाडियों को भी आजमाना चाहते हैं ताकि रियो ओलंपिक से पहले पूल बडा हो सके. वे रोटेशन पर सभी को आजमायेंगे ताकि हम सर्वश्रेष्ठ टीम ओलंपिक में उतार सकें.