नयी दिल्ली : राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक गीता रानी का बी नमूना भी प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन की जांच में पाजीटिव पाया गया है और उस पर लंबा प्रतिबंध लगने की संभावना है. राष्ट्रमंडल खेल 2006 में स्वर्ण और 2004 एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली रानी का ए नमूना भी पाजीटिव पाया गया था जो केरल में जनवरी फरवरी में हुए राष्ट्रीय खेलों के दौरान लिया गया था.
ए नमूने की जांच के नतीजे आने के बाद उस पर अस्थायी निलंबन लगाया गया था. अब वह नाडा की पेनल के समक्ष सुनवाई के लिये पेश होगी. नाडा का पेनल उसकी सजा का निर्धारण करेगा. नाडा और वाडा के नये नियमों के तहत पहली बार डोपिंग का दोषी पाये जाने पर अधिकतम चार साल के प्रतिबंध का प्रावधान है. राष्ट्रीय खेलों के अलावा रानी का नमूना पिछले महीने पुलिस खेलों के दौरान भी लिया गया था जो पाजीटिव पाया गया.
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के उपाध्यक्ष सहदेव यादव ने कहा , गीता रानी का बी नमूना भी पाजीटिव पाया गया है. नाडा का पेनल अब उसके बारे में फैसला लेगा और सजा का निर्धारण करेगा.
यदि पुलिस खेलों के दौरान लिया गया रानी का बी नमूना भी पाजीटिव पाया जाता है और नाडा की पेनल इसे दूसरा डोप उल्लंघन मानती है तो उस पर आठ साल का प्रतिबंध लग सकता है जिससे उसका कैरियर लगभग खत्म हो जायेगा. महासंघ ने हाल ही में डोपिंग के दोषियों के कोचों पर प्रतिबंध लगाने और प्रदेश ईकाइयों को भी निलंबित करने का फैसला लिया था लेकिन यादव ने कहा कि रानी के मामले में यह पता करना मुश्किल है कि उसका मेंटर कौन है क्योंकि वह राष्ट्रीय शिविर में नहीं है.
उन्होंने कहा , गीता राष्ट्रीय शिविर में नहीं है लिहाजा यह पता करना मुश्किल है कि उसका कोच कौन है क्योंकि वह खुद अभ्यास करती है. हमें यह भी नहीं पता कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान उसका कोच कौन था. राष्ट्रीय खेलों के दौरान तीन अन्य भारोत्तोलक भी डोप टेस्ट में नाकाम रहे और 17 अन्य पाजीटिव पाये गए लेकिन यादव ने कहा कि बी नमूनों के नतीजे अभी आने बाकी हैं.
उन्होंने कहा , हमने डोपिंग के दोषियों , उनके कोचों और प्रदेश ईकाइयों के खिलाफ कडे नियम बनाये हैं. सभी 21 को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है लेकिन हम उनके बी नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. हमने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की प्रदेश ईकाइयों को भी एक साल के लिये निलंबित कर दिया है क्योंकि इनमें से अधिकांश इन्हीं राज्यों के हैं.