लुसाने : अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी पर भारत पर लगा प्रतिबंध गुरुवार को हटा दिया. इससे दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि किसी योग्य खिलाड़ी को राजनीतिक कारणों से वीजा देने से इनकार नहीं किया जायेगा.
आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में यहां फैसला लिया गया. भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को लिखे पत्र में आईओसी निदेशक (ओलंपिक एकजुटता और एनओसी संबंध) जेम्स मैकलियोड ने भारत सरकार से मिले आश्वासन पर संतोष जताया.
मैकलियोड ने कहा, हम आईओसी पर 21 फरवरी 2019 को भारत में किसी भी खेल आयोजन की मेजबानी के संदेर्भ में लगाया गया प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से वापिस लेते हैं. उन्होंने कहा, हम राष्ट्रीय ओलंपिक समिति और भारत सरकार को इस मसले का हल निकालने में उनके संयुक्त प्रयासों के लिये धन्यवाद देते हैं.
आईओसी ने इस साल फरवरी में दिल्ली में विश्व कप के लिये दो पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं दिये जाने के बाद वैश्विक टूर्नामेंटों की मेजबानी के सिलसिले में भारत से किसी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया था. इसके बाद विश्व कुश्ती ने भारत से जूनियर एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप की मेजबानी छीनी.
भारत ने जूनियर डेविस कप और फेड कप की मेजबानी भी गंवाई. टेनिस महासंघ ने हालांकि कहा था कि आर्थिक कारणों से उसने खुद की मेजबानी छोड़ी थी. आईओसी ने नयी दिल्ली निशानेबाजी विश्व कप से ओलंपिक क्वालीफायर का दर्जा भी वापिस ले लिया था.
पुलवामा पर आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत ने पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं दिया था. पिछले साल भारतने दिल्ली में विश्व महिला चैम्पियनशिप में कोसोवो के मुक्केबाजों को वीजा नहीं दिया.
निशानेबाजी विश्व कप विवाद के बाद आईओसी ने कहा था कि वह भारत को भविष्य में तब तक ओलंपिक संबंधित टूर्नामेंटों की मेजबानी नहीं देगी जब तक सरकार से उनकी भागीदारी को लेकर आश्वासन नहीं मिल जाता.
सरकार की ओर से पिछले दिनों खेल सचिव राधेश्याम झूलानिया ने आईओए अध्यक्ष बत्रा ने कहा भारत सभी चुने गए खिलाड़ियों को भागीदारी की अनुमति देगा चाहे वे किसी भी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति या अंतरराष्ट्रीय महासंघ से हों.