नयी दिल्ली : द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता सीए कटप्पा को भारत का नया पुरुष मुक्केबाजी मुख्य कोच नियुक्त किया गया है. वह मौजूदा राष्ट्रीय शिविर में यह जिम्मेदारी संभालेंगे जबकि पेशेवर मुक्केबाजी में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे विकास कृष्ण (75 किग्रा) को शिविर में जगह नहीं मिली है.
विजेंदर सिंह, एम सुरंजय सिंह और शिव थापा सहित भारत के कुछ शीर्ष निशानेबाजों को निखारने का श्रेय 39 साल के कटप्पा को जाता है. वह 10 दिसंबर से शुरू हुए शिविर में अनुभवी कोच एसआर सिंह की जगह लेंगे जो अब सेवानिवृत्त हो गए हैं. अब तक सहायक कोच की जिम्मेदारी संभालने वाले कटप्पा ने कहा, यह काफी बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास करूंगा. मेरे पास कुछ योजनाएं हैं और उम्मीद है कि मैं इन्हें अमलीजामा पहना पाऊंगा.
सेना के इस कोच ने कहा कि उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपा जाना हाई परफोर्मेंस निदेशक सेंटिएगो नीवा का विचार था. उन्होंने कहा, उन्होंने पूछा था कि क्या मेरी रुचि है. मैंने कुछ समय मांगा, क्योंकि मुझे इस पर विचार करना था. मैं आयु के मामले में सबसे वरिष्ठ नहीं हूं और यह मेरे दिमाग में चल रहा था. मैंने सेंटियागो को इस बारे में कहा और उन्होंने मुझे कहा कि मुझे इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है.
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राष्ट्रीय खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता कर्नाटक के कटप्पा का पहला बड़ा टूर्नामेंट जनवरी में गुवाहाटी में होने वाला दूसरा इंडिया ओपन होगा. गत राष्ट्रीय चैंपियन सेना खेल नियंत्रण बोर्ड (एसएससीबी) के दो ही कोचों को राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना गया है जिसमें कटप्पा एक हैं.
शिविर के लिए रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड के पांच कोचों को चुना गया है. शिविर में मुक्केबाजों की बात करें तो इस साल राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण और एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता विकास को शिविर में शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने अमेरिका के प्रमोटर बाब आरुम के साथ करार करने का फैसला किया है. राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता मनोज कुमार को भी शिविर में जगह नहीं मिली है. वह रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे हैं.
मनोज ने कहा, पूरी तरह फिट होने के लिए मेरे पास एक महीने का समय है. इसके बाद मैं ट्रायल में हिस्सा लूंगा और अगर सब कुछ सही रहा तो नया शिविर शुरू होने पर मैं वहां रहूंगा.
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राष्ट्रीय चैंपियनों के अलावा शिविर में हिस्सा ले रहे मुक्केबाजों को जनवरी के दूसरे हफ्ते में ट्रायल में हिस्सा लेना होगा जिसके बाद मुक्केबाजों की संख्या में कटौती की जाएगी और इंडिया ओपन तथा बुल्गारिया में होने वाले प्रतिष्ठित स्ट्रेंजा मेमोरियल की टीम का चयन किया जाएगा.