नयी दिल्ली : आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने वाली समिति की रिपोर्ट में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल एक खिलाड़ी सहित छह प्रमुख भारतीय खिलाडि़यों के फिक्सिंग प्रकरण में नाम सामने आने के कारण उन पर गाज गिर सकती है. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपी है.
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष आईएस बिन्द्रा ने भी कहा है कि वह दो पूर्व प्रतिष्ठित भारतीय खिलाडियों के बारे में जानते थे जो कथित रुप से मैच फिक्सिंग में शामिल थे.
जांच समिति ने इन खिलाडियों के नाम शीर्ष अदालत को सीलबंद लिफाफे में सौंपे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पत्रकार जो खेल पत्रिका से जुड़ा और उसके पास शायद इस संबंध में टेप की रिकार्डिंग है और वह भारतीय खिलाड़ी की आवाज पहचान सकता है. उसने बताया है कि यह खिलाड़ी विश्व कप खेलने वाली टीम का भी सदस्य था और अभी भी टीम का सदस्य है.
रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार ने इसमें संलिप्त भारतीय खिलाडि़यों के नामों का खुलासा करने से इंकार कर दिया. इस खिलाड़ी का नाम सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत के अवलोकन के लिये देने के अनुरोध के बावजूद यह पत्रकार काफी भयभीत लग रहा था और ऐसा करने के लिये अनिच्छुक था और कहना था कि ऐसा करना संबंधित पत्रकार के लिये खतरनाक होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह ऐसा लगता है कि सटोरियों के साथ सौदे के सिलसिले में छह भारतीय खिलाडि़यों के नाम टेप में है जबकि इनमें से दो प्रमुख भारतीय खिलाडि़यों के नामों का जिक्र किसी और ने नहीं बल्कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ने किया है.