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विवियन के साथ नहीं खेलने का सचिन को है अफसोस

दुबई: भारतीय स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के पास 1980 दशक में 1992 विश्व कप के दौरान कई महान खिलाड़ियों के साथ खेलने की कुछ शानदार यादें हैं लेकिन अपने नायक विवियन रिचर्डस के खिलाफ नहीं खेलने का मलाल उन्हें अब भी सालता है.तेंदुलकर ने 1987 विश्व कप में ‘बॉल ब्वाय’ से अगले विश्व कप में […]

दुबई: भारतीय स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के पास 1980 दशक में 1992 विश्व कप के दौरान कई महान खिलाड़ियों के साथ खेलने की कुछ शानदार यादें हैं लेकिन अपने नायक विवियन रिचर्डस के खिलाफ नहीं खेलने का मलाल उन्हें अब भी सालता है.तेंदुलकर ने 1987 विश्व कप में ‘बॉल ब्वाय’ से अगले विश्व कप में उस युग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने के सफर को याद किया.

आधुनिक युग के महान बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मुझे याद है 1987 में मैं ‘बॉल ब्वाय’ था इसलिये मेरे लिये ‘बॉल ब्वाय’ से अगले विश्व कप में भाग लेना बड़ा बदलाव था. मुझे अब भी सिडनी में टीमों की ग्रुप फोटो याद हैं. इसके बाद डार्लिंग हार्बर में डिनर था. यह अविश्वसनीय अनुभव था क्योंकि कमरे में दुनिया के सभी शीर्ष खिलाड़ी मौजूद थे. ’’ तेंदुलकर ने 1992 विश्व कप में 47 से अधिक के औसत से 283 रन बनाये थे. भारत ने केवल दो जीत (पाकिस्तान के खिलाफ 43 रन से और जिम्बाब्वे के खिलाफ 55 रन से) दर्ज की थी जिसमें वह मैन आफ द मैच रहे थे.

उन्होंने कहा कि कुछ बड़े खिलाड़ियों जैसे इयान बाथम, ग्राहम गूच, केपलर वेसेल्स, इमरान खान, जावेद मियांदाद, वसीम अकरम, डेसमंड हेन्स, मैलकम मार्शल और कर्टली एम्ब्रोस के खिलाफ खेलना विशेष था. हालांकि उन्हें वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी विव रिचर्डस के खिलाफ एक भी मैच नहीं खेल पाने का मलाल है.

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैं बहुत निराश था कि विव रिचर्डस वेस्टइंडीज टीम का हिस्सा नहीं थे. वह मेरे हीरो थे :अब भी हैं:, इसलिये यह निराशाजनक था कि मैं उनके खिलाफ नहीं खेल सका था. ’’उन्होंने यह भी कहा कि 1992 विश्व कप से कई नये खिलाड़ी निकले थे जो बाद में काफी मशहूर बन गये. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कहना होगा कि एलेन डोनाल्ड तब बड़ा नाम थे. हर कोई बात करता था कि वह कितने अच्छे थे. फिर जोंटी रोड्स, उनका इंजमाम उल हक को रन आउट करना विश्व कप की सुर्खियों में से एक था. ऐसा रन आउट बहुत कम लड़कों ने देखा होगा. ’’ तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि टूर्नामेंट में स्पिन से गेंदबाजी शुरु कराने का नया चलन शुरु हुआ था. मुझे नहीं लगता कि ऐसा पहले हुआ था. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये खिलाड़ी थे, जिन्होंने सचमुच प्रभाव डाला था. उनके खिलाफ खेलना हमेशा ही शानदार चुनौती थी, जिसका मैं लुत्फ उठाता था.’’ तेंदुलकर बतौर खिलाड़ी तीन अलग दशकों में खेल चुके हैं, जिससे वह खुद को काफी भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें 1980 के दशक में महान आल राउंडर के खिलाफ खेलने का मौका मिला. तेंदुलकर ने कहा कि खेल के शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने का अनुभव शानदार था.

इस भारतीय स्टार ने कहा, ‘‘इसमें कुछ बड़े नाम और दुनिया के कुछ शीर्ष आल राउंडर थे. मुझे एक चीज से काफी खुशी होती है कि मैं उन सभी (रिचर्ड हैडली, मैलकम मार्शल, क्लाइव राइस, कपिल देव, इमरान खान और इयान बाथम) के खिलाफ खेला. वे खेल के सर्वश्रेष्ठ आल राउंडर थे. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी के खिलाफ खेलने से मैं खुद को काफी भाग्यशाली मानता हूं. इन शीर्ष खिलाड़ियों के साथ खेलने का अनुभव शानदार था.’’

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