मुंबई : अभिनेता बिंदू दारासिंह, चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन और छह अन्य को आईपीएल सट्टेबाजी मामले में जमानत देते हुए स्थानीय अदालत ने कल यहां कहा कि पुलिस के पास जालसाजी और धोखाधड़ी के कोई सबूत नहीं हैं.
पुलिस ने मामले में जो आरोप लगाये थे उनमें केवल जालसाजी और धोखाखड़ी ही गैर जमानती थे. अतिरिक्त मजिस्ट्रेट एम एन सलीम ने कल 11 पेज के जमानत के आदेश में कहा, अभियोजन पक्ष को पूछताछ और सामग्री जुटाने के लिए पर्याप्त मौके मिले लेकिन वह यह साबित करने की स्थिति में नहीं है कि किसने जाली दस्तावेजों के आधार पर धोखाखड़ी की.
यह जालसाजी का आधार नहीं लगता है. मयप्पन के मामले में अदालत ने कहा कि अभियोजन ने स्वीकार किया कि वह मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग में शामिल नहीं था. वह और किसी को नहीं बल्कि बिंदू को जानता था जिसके जरिये जो कथित तौर पर सट्टा लगाता था. अभियोजन ने कहीं भी यह दावा नहीं किया है कि उसके किसी क्रिकेटर या अन्य खिलाड़ी से संपर्क था.
पाकिस्तानी अंपायर असद रउफ के सटोरियों के साथ कथित संपर्क के बारे में अदालत ने कहा कि उन्होंने अंपायर को टी शर्ट और जूते जैसे उपहार भेजे थे और कुछ भी मूल्यवान वस्तु नहीं भेजी थी. लेकिन इस अंपायर की मदद से मैच फिक्सिंग को लेकर आगे की कड़ी पूरी तरह से नदारद है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है.