देहरादून : युद्ध की विभीषिका झेल रहे अफगानिस्तान के तेज गेंदबाज शापूर जदरान ने यहां कहा कि उनके देश में बम धमाके होते रहेंगे लेकिन वह उस पर ध्यान दिये बिना खेलना जारी रखना चाहते है.
शापूर ने कहा कि यह हृदय विदारक है कि इस तरह की घटनाएं उनके देश में होती रहती है लेकिन पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर उनके पास आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. बांग्लादेश के साथ मौजूदा टी 20 शृंखला में अफगानिस्तान के तेज आक्रमण की अगुआई कर रहे शापूर ने कहा , धमाके होते रहेंगे लेकिन हमें उन्हें भूलना होगा.
हर महीने हमले होते हैं. हम ज्यादा समय दौरे पर होते है , हमारे पास क्या विकल्प हैं ? हमें इन चीजों को पीछे छोड़ कर खेल पर 100 प्रतिशत ध्यान देना होगा. बार – बार चोटिल होने से 30 साल के इस खिलाड़ी का करियर प्रभावित हुआ है. बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी 20 मैच से पहले भी उन्हें घुटने में पट्टी के साथ अभ्यास करते देखा गया था.
उन्होंने अगस्त 2013 के बाद प्रथम श्रेणी का कोई मैच नहीं खेला है और इस बात पर कोई आश्चर्य नहीं है कि वह अफगानिस्तान के ऐतिहासिक टेस्ट मैच के लिए टीम में नहीं हैं. अफगानिस्तान 14 जून से बेंगलुरु में से अपना पहला टेस्ट मैच भारत के खिलाफ खेलेगा.
शापूर ने देश लिए पहले टी 20 विश्व कप (2010) और क्रिकेट विश्व कप 2015 में देश का प्रतिनिधित्व किया है. वह ऐतिहासिक टेस्ट टीम में शामिल नहीं होने से निराश है. उन्होंने कहा , मैं इसे चूकने से निराश हूं लेकिन चोट के कारण मैने चार दिवसीय मैच नहीं खेले है. अब मैं फिट हूं और 140 की रफ्तार से गेंद फेंक सकता हूं लेकिन मेरा ध्यान सीमित ओवरों के क्रिकेट पर है.
शापूर से जब पूछा गया कि वह कब तक क्रिकेट खेलेंगे तो उन्होंने कहा , मुझे लगता है कि मुझ में अभी काफी क्रिकेट बचा हुआ है. जब तक फिट हूं तब तक खेलूंगा. मैं संन्यास लेने से पहले अफगानिस्तान में एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना चाहता हूं. ‘ उन्हें उम्मीद है कि वह आईपीएल के आगामी सत्रों में खेल पाएंगे.