मुंबई : इस्तीफे की बढ़ती मांग से बेअसर बीसीसीसाई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने आज फिर रक्षात्मक रवैया जारी रखते हुए अपने पद से हटने से इनकार कर दिया.
आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने आज श्रीनिवासन को आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में अपने दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के सदस्य के खिलाफ जांच से खुद को ‘दूर रहने’ की मांग की, इसके कुछ ही देर बाद बीसीसीआई प्रमुख ने पत्रकारों से कहा कि शुक्ला ने कुछ भी नया नहीं कहा है और वह सिर्फ वही दोहरा रहे हैं जो रविवार को उन्होंने (श्रीनिवासन ने) कहा था.
श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘मैंने शुक्ला का इंटरव्यू देखा. उन्होंने कहा है कि आयोग नियुक्त कर दिया है और मुङो खुद को इस प्रक्रिया से दूर रखना चाहिए जैसा कि मैंने कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस में कहा था. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कोलकाता में कहा था कि मेरा आयोग से कुछ लेना देना नहीं है, जिसमें नियुक्तियां, इसके संदर्भ में शर्तें और इसका फैसला शामिल है. शुक्ला ने सिर्फ इसी का दोहराव किया है. इसलिये इसमें कुछ भी नया नहीं है.’’
श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘मुझे आयोग से कुछ लेना देना नहीं है. यह स्वतंत्र है. परिचालन अधिकार के अंतर्गत, उनके पास प्रतिबंध और सजा देने का अधिकार हैं. इसलिये हमें सिर्फ नतीजे का इंतजार करना होगा.’’यह पूछने पर कि बीसीसीआई अधिकारी जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया और हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जी विनोद ने उनके इस्तीफे की मांग की है तो श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं का जवाब नहीं दूंगा.’’जब से यह प्रकरण शुरु हुआ है, श्रीनिवासन पर इस्तीफा देने का जबरदस्त दबाव बन रहा है लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग बने हुए हैं.
तीन सदस्यीय बीसीसीआई जांच समिति गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान के तीन खिलाड़ियों तथा इसकी फ्रेंचाइजी और चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ स्पाट फिक्सिंग आरोपों की जांच कर रही है. कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे.
बीसीसीआई अध्यक्ष इस्तीफा दें:खेल मंत्रालय
एन श्रीनिवासन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है और आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में जांच पूरी होने तक बीसीसीआई अध्यक्ष से इस्तीफा मांगने वालों की सूची में आज खेल मंत्रालय का नाम भी जुड़ गया.
आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला, बोर्ड उपाध्यक्ष अरुण जेटली और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे वरिष्ठ बोर्ड अधिकारियों के श्रीनिवासन से दूर रहने की मांग करने के बाद मंत्रालय ने भी उन्हें बाहर करने की मांग की है.खेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बीसीसीआई मैच और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रहा है. जांच में हितों का टकराव है इसलिए बीसीसीआई अध्यक्ष को जांच का नतीजा सामने आने तक नैतिक कारणों से इस्तीफा देना चाहिए.’’
श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन को पुलिस ने सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बीसीसीआई की तीन सदस्यीय जांच समिति मयप्पन और राजस्थान रायल्स के तीन खिलाड़ियों तथा इस फ्रेंचाइजी और चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है.कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे.
खेल मंत्रालय ने कहा कि वे मामले पर नजर रखे हुए हैं और साथ ही खेलों के लिए मजबूत भ्रष्टाचार रोधी कानून लाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई.बयान के अनुसार, ‘‘युवा मामले और खेल मंत्रालय सभी खेलों में अनुचित कार्यों पर लगाम कसने का पक्षधर है. कानून मंत्रालय द्वारा तैयार विधेयक के मसौदे पर मंत्रालय अपनी प्रतिक्रिया भेजेगा और कानून मंत्रालय और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर मैच और स्पाट फिक्सिंग के खिलाफ समग्र कानून तैयार करने की दिशा में काम करेगा.’’ इस बीच मंत्रालय ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि वह खेल में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सट्टेबाजी को वैध बनाने के पक्ष में है.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘खेल मंत्रालय ने देखा है कि मीडिया के एक वर्ग ने लिखा है कि वह देश में खेल प्रतियोगिताओं में सट्टेबाजी को वैध करने का कानून लाने के पक्ष में है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय स्पष्ट करना चाहता है कि सट्टेबाजी राज्य का मामला है और यह केंद्रीय कानून का हिस्सा नहीं हो सकता. मंत्रालय ने सट्टेबाजी को वैध करने के लिए कानून मंत्रालय या किसी और संगठन को कोई सिफारिश नहीं की है.’’
श्रीनिवासन की मुश्किलें बढ़ी
बीसीसीआई अध्यक्ष पर आज अपना पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया जब बोर्ड के दो बड़े अधिकारियों आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने आईपीएल स्पाट फिक्सिंग में उनके दामाद के खिलाफ जांच पूरी होने तक उन्हें ‘दूर रहने’ को कहा. बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध की आवाज उठाने के बाद शुक्ला और जेटली ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए भारतीय क्रिकेट की छवि की खातिर श्रीनिवासन पर बोर्ड से दूर रहने के लिए दबाव बढ़ा दिया है. इससे संकेत जा रहे हैं कि बोर्ड के अहम सदस्यों ने अपना रुख कड़ा कर दिया है जिसमें कई सक्रिय राजनेता भी शामिल हैं और वे अन्य लोगों को भी इस तरह की मांग के लिए राजी कर सकते हैं.
शुक्ला ने यहां जेटली के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह निर्वाचित अध्यक्ष हैं. हमारा यह नजरिया है कि यह अच्छा होगा कि वह प्रक्रिया से दूर रहें. जेटली का भी यही मानना है. हमने यह सुझाव दिया है और इस मुद्दे पर फैसला उन्हें करना है. उन्होंने हमें कहा है कि उनकी कोई गलती नही है और उन्हें सजा क्यों दी जा रही है.’’इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद से ही श्रीनिवासन ने अड़ियल रुख अपनाते हुए पद छोड़ने से इनकार कर दिया है और साथ ही जोर देकर कहा है कि उनका इस्तीफा सिर्फ उनके पीछे पड़ी मीडिया मांग रही है. श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन ने मुंबई पुलिस ने सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. शुक्ला ने कहा कि मयप्पन और राजस्थान रायल्स के तीन खिलाड़ियों तथा इस फ्रेंचाइजी और चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ जांच कर रही तीन सदस्यीय जांच समिति निष्पक्ष होगी और इसकी रिपोर्ट बीसीसीआई से सलाह मशविरे के बिना सीधे लागू की जाएगी.
शुक्ला ने कहा, ‘‘जांच समिति नियुक्त की गई है और हम चाहते थे कि इसमें बहुमत में लोग बाहर से हों. यही कारण है कि हमने जो न्यायाधीशों को इसमें शामिल किया. हमने सुझाव दिया है कि इसी रिपोर्ट बीसीसीआई के पास नही जाए और इसके निष्कर्षों की जैसे हैं वैसे ही सिफारिश की जाए. हम यही चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं और चाहते हैं कि सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. हमें अब जांच की रिपोर्ट का इंतजार है.’’ कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे.
शुक्ला से जब यह पूछा गया कि आज की बैठक में उन्होंने जेटली के साथ क्या चर्चा की तो उन्होंने कहा, ‘‘हमने बोर्ड के सभी सदस्यों के साथ बात की और हमने बोर्ड की छवि और क्रिकेट की छवि के बारे में भी बात की.’’आज की बैठक के साथ मौजूदा विवाद में बोर्ड के रुख में बड़ा बदलाव देखा गया हैं. शुक्ला और जेटली ने इससे पहले कभी सामने आकर श्रीनिवासन को बाहर करने की मांग नहीं की थी जिसके अटकलें लगाई जा रही है कि विवाद पर मीडिया के लगातार नजरे बनाए रखने से उन पर कुछ दबाव आ गया है. बीसीसीआई के तीन पदाधिकारियों, जो तीनों बड़े राजनेता भी हैं, के श्रीनिवासन को अस्थाई तौर पर बाहर करने की मांग के बाद यह देखना रोचक होगा कि बोर्ड अध्यक्ष क्या रुख अपनाते हैं. इससे पहले श्रीनिवासन कह चुके हैं कि बोर्ड में किसी ने भी उनसे इस्तीफा नहीं मांगा. पता चला है कि शुक्ला और जेटली ने श्रीनिवासन से कोलकाता में रविवार को बैठक के दौरान नैतिकता के आधार पर पद छोड़ने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया.