क्या करें
गुरु अथवा विभिन्न भगवान के मंत्रों का जाप करे. इधर-उधर घूमने की बजाय स्थिर रहें जरूरत पड़ने पर ही इधर -उधर जायें. भोजन यदि बचा हुआ तो उसे फेंक दें अथवा उसमें कुश व तुलसी पत्ता रख कर उसका उपयोग करें.
क्या न करें
देवताओं को स्पर्श न करें. पूजा पाठ नहीं करे. बेवजह व फिजूल की बातों में समय न बरबाद करे. किसी की बुराई अथवा अन्य कोई भी बूरा काम न करें. भोजन का परित्याग करें, यह बालक, वृद्ध व रोगी पर मान्य नहीं होता है. गर्भवती महिला ग्रहण देखने अथवा ग्रहण की अवधि में कुछ भी काट-पीट करने से बचे.
ग्रहण की अवधि में क्या करें
ग्रहण की अवधि में स्पर्श,मध्य व मोक्ष में स्नान का काफी महत्व है. इसलिए इस अवधि में स्नान कर लें. इस दिन नदी व तालाब और गंगा नदी, कुरुक्षेत्र में स्नान का विशेष महत्व है.
ग्रहण समाप्ति के बाद क्या करें
सबसे पहले घरों की साफ सफाई कर धो-पोंछ लें. इसके बाद स्नान ध्यान कर भगवान की साफ सफाई कर उनकी पूजा अर्चना करें. सबकी मंगलकामना के लिए प्रार्थना करें. इसके अलावा जो भी बन पड़े उसका दान करें क्योंकि बुधवार को ग्रहण व पूर्णिमा दोनों है. इसलिए दान पुण्य से एक साथ दो लाभ मिलेगा.
दीपावली को सूर्य ग्रहण
दीपावली की रात को सूर्य ग्रहण है. यह भारत में दृश्यमान नहीं होगा. यह ग्रहण उतरी अमेरिका, रूस सहित अन्य जगहों पर दृश्यमान होगा. इसके अलावा 20 मार्च को भी चंद्र ग्रहण लगेगा.
किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा
मेष – हानि, वृष – लाभ , मिथुन – सुख , कर्क- यश हानि , सिंह – कष्ट, कन्या – स्त्री पीड़ा, तुला – शुभ, वृश्चिक – मानसिक चिंता, धनु – व्यथा, मकर – धन लाभ, कुंभ – क्षति, मीन – घात.
सूतक काल : प्रात : 5.45से शाम 6.05 बजे तक