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गणपति बप्पा की ऐसे करें पूजा, घर आयेगी सुख-समृद्धि
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेश पूजा का उत्सव आरंभ होता है, जो इस बार 2 सितंबर यानी सोमवार को है. नौ दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद 10वें दिन अनंत चतुर्दशी को यानी 12 सितंबर को बप्पा की विदाई की जायेगी. गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता […]
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेश पूजा का उत्सव आरंभ होता है, जो इस बार 2 सितंबर यानी सोमवार को है. नौ दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद 10वें दिन अनंत चतुर्दशी को यानी 12 सितंबर को बप्पा की विदाई की जायेगी.
गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है, इसलिए गणेश चतुर्थी की पूजा दोपहर को करना शुभ माना गया है. मान्यता है कि गुरु-शिष्य परंपरा के तहत इसी दिन से विद्याध्ययन का शुभारंभ होता है. भगवान गणेश पापों का शमन करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. गणेश चतुर्थी के दिन प्रात: स्नानादि से निवृत होकर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है.
गाय के गोबर से भी प्रतिमा बना सकते हैं. एक कोरा कलश लेकर उसमें जल भरकर उसे कोरे कपड़े से बांधें. तत्पश्चात इस पर गणेश प्रतिमा की स्थापना करें. प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाकर षोडशोपचार कर पूजन करें. उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं. पूजा के पश्चात दृष्टि नीची रखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दें. इस दिन चंद्र दर्शन निषेध है. पूजा शुभ मुहूर्त मध्याह्न 11:05 से 13:36 तक है.
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