आज पूरे मुल्क-ए-हिंदुस्तान के अंदर किस शहर में कौन-सा आतंकवादी किस जमात से जुड़ कर पनाह लिये बैठा है, यह कह पाना बड़ा मुश्किल है. तभी तो आये दिन कोई-न-कोई आतंकी देश के अंदर धरा जा रहा है. ऐसी खबरें अखबारों में छपती हैं और हम सरसरी तौर पर उसे पढ़ कर निकल जाते हैं. हालांकि यह बड़े ही फिक्र की बात है कि वह कौन हैं, जो आइएसआइएस और दीगर आतंकी आकाओं के तर्ज पर देश में आतंक की रहनुमाई कर रहा है. भोले भाले नौजवानों को गुमराह कर रहे है. लिहाजा उन संस्थाओं पर पैनी नजर रखने की जरूरत है, जहां दहशतगर्दी की तालीम दी जाती है.
शादाब इब्राहिमी, ब्राम्बे, रांची