यूं तो हर वर्ष छात्रवृत्ति भुगतान में विलंब होता है. समझ नहीं आता, कैसे तंत्र में हम फंस कर रह गये हैं. शिक्षा-व्यवस्था को ले कर सरकार तरह-तरह की घोषणाएं करती रही है. कई योजनाओं के लिए सरकार को राशि मिलती है, लेकिन बाद में पता चलता है कि उस राशि का तो उपयोग भी नहीं हो पाया. इन सबके बावजूद छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति से वंचित रखा जाता हैं. एक छात्र व उसके माता-पिता को छात्रवृत्ति को लेकर काफी उम्मीदें होती हैं, जिससे उनके आगे की पढ़ाई बिना रुकावट के हो सके. बहुत से छात्र प्रोजेक्ट भवन और कल्याण विभाग का चक्कर काटते रहते हैं, जिन्हें कई वर्षों से छात्रवृत्ति नहीं मिल पायी है.
कुछ लोग तो दलाल और बिचौलियों के झांसे में आ जाते हैं, जो उन्हें छात्रवृत्ति दिलाने का लालच देते हैं और उसके एवज में राशि की मांग भी करते हैं. ऐसे लोग इन जगहों पर काफी तादाद में मिल जायेंगे. इन सबसे परे एक कहावत है कि ‘उम्मीद पर दुनिया कायम हैं’ और हम छात्र इसी उम्मीद में जी रहे हैं कि हमें हमारी छात्रवृत्ति आज नहीं तो कल जरूर मिलेगी.
रवींद्र उरांव, ई-मेल से