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आधी आबादी को सेना में मिला हक
भारत एक पुरुष प्रधान देश है. इसके बावजूद यहां की महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम नही है. देश की आधी आबादी ने देश की सर्वोच्च पद पर पदस्थापित होकर खुद को साबित कर दिया कि वे पुरुषों से कम नही हैं. राजनीति, शिक्षा और समाजिक क्षेत्र में खुद को लोहा मनवा चुकी महिलाएं अब […]
भारत एक पुरुष प्रधान देश है. इसके बावजूद यहां की महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम नही है. देश की आधी आबादी ने देश की सर्वोच्च पद पर पदस्थापित होकर खुद को साबित कर दिया कि वे पुरुषों से कम नही हैं. राजनीति, शिक्षा और समाजिक क्षेत्र में खुद को लोहा मनवा चुकी महिलाएं अब देश की सुरक्षा की भी जिम्मेवारी उठायेंगी. रक्षा मंत्रालय के निर्णय के अनुसार, 2017 से महिलाएं भी वायु सेना का लड़ाकू विमान उड़ायेंगी.
हालांकि, वायु सेना में महिलाओं की नियुक्ति 1993 से ही होती है. महिला पायलट का चयन वायु सेना एकादमी में प्रशिक्षण ले रही महिला अधिकारियों से होगा. हर क्षेत्र में आधी आबादी ने अपनी काबिलियत साबित की है.
देश में आयोजित यूपीएससी हो या राज्यों की सिविल सेवा परीक्षा, हर जगह आधी आबादी ने अपना परचम लहराया है. उन्होंने अन्य नौकरियों जैसे बैंक, शिक्षक, रेलवे, पुलिस आदि में खुद को साबित करके दिखाया है.
-प्रताप तिवारी, सारठ
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