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न्यायिक प्रक्रिया सुगम बनाये सरकार
पूरी दुनिया में 17 जुलाई को न्याय दिवस मनाया जाता है. लेकिन आज भी एक बड़ा तबका है जो न्याय से वंचित रह जाता है. भारत में किसान,मजदूर ,छात्र ,आम जनों को न्याय के बदले अन्याय अधिक मिल रहा है. इसका मुख्य कारण अदालती प्रक्रिया का जटिल और लंबा होना है. आज भी एक-एक केस […]
पूरी दुनिया में 17 जुलाई को न्याय दिवस मनाया जाता है. लेकिन आज भी एक बड़ा तबका है जो न्याय से वंचित रह जाता है. भारत में किसान,मजदूर ,छात्र ,आम जनों को न्याय के बदले अन्याय अधिक मिल रहा है. इसका मुख्य कारण अदालती प्रक्रिया का जटिल और लंबा होना है.
आज भी एक-एक केस के फैसले में कई साल लग जाते हैं. उसमें भी वकीलों को तगड़ी फीस देनी पड़ती है. इसके बाद भी न्याय मिले ही यह जरूरी नहीं. प्रखंड कार्यालय थाना या फिर उपायुक्त कार्यालय हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है. बुलेट ट्रेन और डिजीटल इंडिया के युग में न्यायिक प्रक्रिया की कछुआ चाल क्यों है, यह समझ से बाहर है.
अगर कोर्ट रूम में वीडियो रिकॉर्डिग के साथ समय सीमा तय की जाये तो काफी हद तक इससे निजात मिल जायेगा. समय पर न्याय नहीं मिलने से जनता का कानून पर से भरोसा उठ जाता है.
प्रताप कुमार तिवारी, सारठ
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