दिल्ली सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को बेशक फांसी की सजा सुना दी गयी है, लेकिन इस सजा को अपने अंजाम तक पहुंचने में काफी समय लगेगा. मामला हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट होते हुए राष्ट्रपति तक भी जा सकता है. नौ महीने पहले हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. जरा सोचिए, अगर इस मामले की यह हालत है तो फिर हर दिन जो भारत में अनेक मामले आते हैं, उनकी क्या हालत हो रही होगी?
बात साफ है, हमें चाहिए सही समय पर सही फैसला. देश में कानून तो बेहिसाब बन रहे हैं. राज्यसभा, लोकसभा में हंगामे के बीच कानून भी बनते जा रहे हैं. लेकिन इन पर अमल करने से व्यवस्था कतराती है. हम कानून बनने के विरु द्ध नहीं हैं, पर इन पर अमल भी होना चाहिए. साथ ही, कानून ऐसा हो, जिससे अपराधी को जल्द दंड मिले और लोग उससे सबक सीखें.
पालुराम हेंब्रम, सालगाझारी