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क्या अहिंसा से बन जायेगी हर बात?
हमारा भारत भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, महाराणा प्रताप लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों का देश है. जब बातों से बात नहीं बनी, तो महाभारत हुआ था. लेकिन यकीन नहीं होता कि हम उसी भारत देश में सांसें ले रहे हैं, जहां गांधीवादी विचार के लोगों का मानना है कि हमें सत्य-अहिंसा के […]
हमारा भारत भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, महाराणा प्रताप लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों का देश है.
जब बातों से बात नहीं बनी, तो महाभारत हुआ था. लेकिन यकीन नहीं होता कि हम उसी भारत देश में सांसें ले रहे हैं, जहां गांधीवादी विचार के लोगों का मानना है कि हमें सत्य-अहिंसा के मार्ग पर चलकर जीतना है. लेकिन क्या सच में अभी के हालात में हमें गांधीजी के तीन बंदरों की तरह रहना चाहिए, ताकि हमारा कोई भी पड़ोसी देश हमारी जमीन को अपना बताये!
भारत के नक्शे में मुकुट की तरह सुशोभित जम्मू एवं कश्मीर तीन टुकड़ों में बंट गया है, जिसका एक ही भाग भारत के पास है. शेष एक-एक भाग चीन और पाकिस्तान के कब्जे में है और इस आलम में भी हमारे नेता अपनी-अपनी हांकते रहते हैं. क्या इसका कड़ाई से हल नहीं निकल सकता?
अभिषेक बड़ाईक, तमाड़
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