भाजपा ने फैसला कर लिया है कि वह किसी न किसी बहाने संसद नहीं चलने देगी. वह संसद में चर्चा नहीं करके शाम होते–होते टीवी पर बयान देना शुरू कर देती है.
भाजपा यह मान कर चल रही है कि अगली सरकार तो उसी की बनेगी, क्योंकि वह संसद ठप करके सरकार को कोई काम नहीं करने देगी, जिससे सरकार की बदनामी होगी. लेकिन समझ में नहीं आता है कि कांग्रेस अपनी शक्ति को क्यों नहीं पहचान पा रही है.
वह संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करने से क्यों डर रही है या अनभिज्ञ है या कोई बतानेवाला नहीं है कि भाजपा के साथ क्या किया जाना चाहिए. ऐसे में, समय आ गया है कि जनता भाजपा को मजा चखा दे और सबसे पहले झारखंड के यशवंत सिन्हा को अगले लोकसभा चुनावों में हरा दे.
सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को तो पहले से ही भाजपा ने छोटा कर दिया है और अब भाजपा में उनकी साख बची नहीं है, इसलिए अच्छा है ऐसे लोग आपस में लड़ कर, जनता से उलझ कर कांग्रेस को ही फायदा पहुंचायेंगे. वैसे भी सत्ता तो भाजपा को मिलनी नहीं है, क्योंकि गुजरात से दिल्ली बहुत दूर है.
डॉ भुवन मोहन : हिनू, रांची